जबलपुर (मध्य प्रदेश): बुधवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में कटंगी कस्बे के पास एक पहाड़ी पर 50 से ज़्यादा गायों के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया। सिवनी, मुरैना और मंडला में भी इसी तरह की घटनाएँ सामने आई थी, जिससे राज्य में मवेशियों की हत्या और तस्करी को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा हो गई हैं।
जानकारी के अनुसार, स्थानीय निवासियों को पहाड़ी पर बिखरे हुए मवेशियों के कटे-फटे और सड़ते हुए शरीर के अंग मिले। अवशेषों में 50 से अधिक सिर और शरीर के कई अन्य अंग थे। चूंकि अवशेष पूरी तरह सड़ चुके थे, इसलिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गायों का वध काफी समय पहले किया गया था। मौके पर वध के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी का एक टुकड़ा भी मिला।
हिंदू संगठनों में रोष
इस घटना से स्थानीय हिंदू संगठनों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में गुस्सा भर गया और वे बड़ी संख्या में पहाड़ी पर एकत्र हो गए। पूरे स्थल की जांच करने के बाद उन्होंने कटंगी पुलिस को सूचना दी।
इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस ने सख्त कार्रवाई का वादा किया
बाद में, पुलिस अधिकारियों, नगर परिषद के सदस्यों और पशु चिकित्सकों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने अवशेषों को एकत्र किया और मौत के कारण और समय का पता लगाने के लिए उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि अवशेष कई महीने पुराने हैं।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पशु तस्करों ने जानवरों की खाल और मांस के लिए उनका वध किया और हड्डियाँ वहीं छोड़ दीं। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वीडियो जारी किए हैं जिसमें पहाड़ी पर हड्डियाँ बिखरी हुई दिखाई दे रही हैं, जो वध के पैमाने को दर्शाता है।
पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है। मध्य प्रदेश में मवेशियों की तस्करी और अवैध वध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसके चलते भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।