भोपाल (मध्य प्रदेश): नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मामला सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन भी गरमाया रहा। विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की और कहा कि यह विषय छात्रों के भविष्य से जुड़ा है।
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि जो मामला अदालत में विचाराधीन है, उस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
हालांकि, विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि वह ऐसे विषय पर चर्चा चाहते हैं जो न्यायालय के विचाराधीन नहीं है। विपक्ष के हंगामे के कारण स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर को सदन की कार्यवाही कम से कम एक घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। जब विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो तोमर ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि प्रासंगिक नियम के तहत वह कल यानी मंगलवार को इस मामले पर चर्चा की अनुमति देंगे।
इससे पहले इस मामले को लेकर कैलाश विजयवर्गीय और उमंग सिंघार के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। सिंघार ने आरोप लगाया कि मंत्री विश्वास सारंग को बचाने की कोशिश की जा रही है। सिंघार ने कहा, “हम नर्सिंग काउंसिल के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं और यह भी जानना चाहते हैं कि अनुमति किसने दी।”
इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा से नहीं डरती और न ही किसी चर्चा से भाग रही है। जहां तक विपक्ष के स्थगन का सवाल है तो स्थगन किसी तात्कालिक घटना की स्थिति में लाया जाता है और विपक्ष द्वारा उठाया जा रहा मुद्दा पुराना है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष को चेताया कि वे उत्तेजना में आकर कुछ न बोलें
विपक्ष जब नर्सिंग घोटाले पर चर्चा के लिए सत्ता पक्ष पर दबाव बना रहा था, एक के बाद एक आरोप लगा रहा था, तब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार किसी मुद्दे से नहीं डरती। हालांकि, उन्होंने विपक्ष को चेतावनी दी कि वे जोश में आकर कुछ न कहें। उन्होंने कहा, “हमें इस तरह की बातें सुनने की आदत नहीं है। हम किसी से नहीं डरते।”