मध्यप्रदेश बन रहा ग्लोबल स्टार्ट-अप हब: सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में मिली राह

मध्यप्रदेश बन रहा ग्लोबल स्टार्ट-अप हब: सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में मिली राह

SHUBHAM SHARMA
5 Min Read
मध्यप्रदेश बन रहा ग्लोबल स्टार्ट-अप हब: सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में मिली राह

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि स्टार्ट-अप को अधिक से अधिक प्रोत्साहन दिया जाए, जिससे भारत के युवा नौकरी खोजने वाले से अधिक नौकरी देने वाले बनें। आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में तेजी से कार्य कर रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति को मंजूरी दी गई, जो प्रदेश को ग्लोबल स्टार्ट-अप हब बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। इस नीति के तहत युवा उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय मंच मिलेगा और लाखों रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

नई नीति से स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम होगा सशक्त

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का मानना है कि गतिशील स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम राज्य की आर्थिक प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने में अहम भूमिका निभाएगा। नई स्टार्ट-अप नीति से स्टार्ट-अप उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान होगा। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में स्टार्ट-अप्स की संख्या को दोगुना करना है। वर्तमान में सक्रिय 5,000 स्टार्ट-अप्स को बढ़ाकर 10,000 स्टार्ट-अप्स करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 1.10 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

प्रारंभिक सहायता के लिए 100 करोड़ रुपए का सीड कैपिटल फंड

स्टार्ट-अप्स के युवा उद्यमियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रारंभिक पूंजी की होती है। इस बाधा को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार 100 करोड़ रुपए का सीड कैपिटल फंड स्थापित कर रही है। यह कोष उभरते स्टार्ट-अप्स को उनके शुरुआती चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिससे वे अपने स्टार्ट-अप को मजबूती से खड़ा कर सकें और विस्तार की चुनौतियों का सामना कर सकें।

मेगा इनक्यूबेशन सेंटर और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

नई नीति के तहत राज्य में मेगा इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं, जो स्टार्ट-अप्स को आवश्यक संसाधन, मार्गदर्शन और ग्लोबल बाजार तक पहुंचने में मदद करेंगे। इसके अतिरिक्त, बौद्धिक संपदा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए घरेलू पेटेंट के लिए 5 लाख रुपए और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए 20 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इससे स्टार्ट-अप्स को नवाचार करने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बने रहने में सहायता मिलेगी।

एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस (EIR) प्रोग्राम और कौशल विकास सहायता

राज्य में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एंटरप्रेन्योर-इन-रेजिडेंस (EIR) प्रोग्राम लागू किया जा रहा है। इसमें चयनित स्टार्ट-अप्स को कर्मचारियों के कौशल विकास के लिए 10,000 रुपए प्रति माह (अधिकतम एक वर्ष के लिए) तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक नए कर्मचारी पर 13,000 रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा, जिससे स्टार्ट-अप्स अपने मानव संसाधन को प्रशिक्षित और विकसित कर सकेंगे।

किराये पर सब्सिडी और महिला उद्यमिता को बढ़ावा

स्टार्ट-अप्स के परिचालन खर्चों को कम करने के लिए किराया सहायता योजना लागू की गई है। इसके तहत स्टार्ट-अप्स को 50% तक किराया भत्ता (अधिकतम 10,000 रुपए प्रति माह) प्रदान किया जाएगा। महिला उद्यमिता को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए महिला-नेतृत्व वाले 47% स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी।

रणनीतिक क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को प्राथमिकता

राज्य सरकार ने कृषि, फूड प्रोसेसिंग, डीप टेक, बायोटेक और अन्य नवीनतम तकनीकों के क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया है। इससे राज्य में एक विविध और मजबूत स्टार्ट-अप ईको-सिस्टम विकसित होगा, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी।

स्टार्ट-अप एडवाइजरी काउंसिल और ऑनलाइन पोर्टल

नीति के प्रभावी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग के लिए “स्टार्ट-अप एडवाइजरी काउंसिल” का गठन किया जाएगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। साथ ही, स्टार्ट-अप्स के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल और हेल्पलाइन बनाई गई है, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता, सरकारी योजनाओं और अन्य संसाधनों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश सरकार की इस नई स्टार्ट-अप नीति से प्रदेश के युवा उद्यमियों को नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे, जिससे मध्यप्रदेश न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ग्लोबल स्टार्ट-अप हब के रूप में उभरेगा

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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