भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत एवं निकाय चुनाव OBC आरक्षण की वजह से बहुत लम्बे समय से अटका हुआ है, कुछ समय पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चुनाव के लिए आदेश भी दिया था जिसके बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन फाइल की थी।
शिवराज सरकार द्वारा OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में दर्ज मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन फाइल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार एवं ओबीसी की तरफ से अपनी दलीलें प्रस्तुत की गई, जिसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला नहीं बदला।
मध्यप्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण (OBC RESERVATION) के लिए सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) में सन 2011 में हुई जनसंख्या के आंकड़े भी प्रस्तुत किए गए जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की आबादी 51% बताई गई है।
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने कहा कि ओबीसी (OBC) को सन 2011 की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण (RESERVATION) देना न्याय पूर्ण होगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि यदि सरकार द्वारा प्रस्तावित आरक्षण मान्य नहीं होता तो ओबीसी को उनका पूर्व निर्धारित 14% आरक्षण दिया जाना चाहिए।
पिछड़ा वर्ग समाज की ओर से प्रस्तुत हुए एडवोकेट शशांक रत्नू ने बताया कि 102 अमेन्डमेंट के बाद ट्रिपल टेस्ट की जरूरत ही नहीं है।
मध्यप्रदेश चुनाव के लिए OBC RESERVATION पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का विवरण पॉइंट-2-पॉइंट
- शिवराज सरकार ने सन 2022 के परिसीमन के आधार पर पंचायत एवं निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी।
- सन 2011 की जनसंख्या के आधार पर ही ओबीसी आरक्षण (OBC RESERVATION) मांगा।
- सरकार ने चुनाव के लिए अधिसूचना (MP ELECTION NOTIFICATION) जारी करने के लिए 4 सप्ताह का समय मांगा।
- 10 मई 2022 को जारी आदेश के पालन में राहत मांगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया।