Madhya Pradesh B.Ed-D.Ed college fraud: मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की तरह बीएड-डीएड कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े (MP B.Ed-D.Ed college fraud) के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) और जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रमुख अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
इन नोटिस में यह पूछा गया है कि उन कॉलेजों का निरीक्षण किस अधिकारी या कर्मचारी ने किया था जिन्हें फर्जी तरीके से मान्यता मिली। यह भी पूछा गया है कि उन कॉलेजों को मान्यता देने वाली रिपोर्ट किसने जारी की थी।
एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि एनसीटीई दिल्ली और जीवाजी यूनिवर्सिटी के प्रमुख को नोटिस भेजे गए हैं और उनसे पूछा गया है कि फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने वाले छह कॉलेजों का निरीक्षण किसने किया था।
इन कॉलेजों को मान्यता दिलाने में किन अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका थी, उनके नाम और पद की जानकारी भी मांगी गई है ताकि दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है और जांच पूरी होने पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
गौरतलब है कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के छह कॉलेजों की जांच में यह पाया गया था कि मान्यता प्राप्त करने के लिए फर्जीवाड़े की सभी सीमाएं पार की गई थीं। जहां कॉलेज होने की जानकारी दी गई थी, वहां वास्तव में खेत मौजूद थे।
भवन निर्माण की अनुमति भी फर्जी निकली
ग्राम पंचायत से भवन निर्माण की अनुमति भी फर्जी तरीके से प्राप्त की गई थी, यहां तक कि सरपंच के हस्ताक्षर भी नकली थे। इसके अलावा बैंक की फिक्स डिपॉजिट रसीद (एफडीआर) भी फर्जी तरीके से बनाई गई थी।
एसटीएफ अब एनसीटीई और जीवाजी यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। 29 मई को एसटीएफ ने इन छह कॉलेजों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में मामला दर्ज किया था।
बैंक की फिक्स डिपॉजिट रसीद भी फर्जी
एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि कुछ कॉलेजों ने मान्यता प्राप्त करने के लिए जो एफडीआर जमा की थी, वह बैंक द्वारा जारी ही नहीं की गई थी।
कॉलेज में भवन निर्माण के लिए जिन एसडीओ कार्यालय से आदेश जारी होना बताया गया था, वहां से ऐसे कोई आदेश जारी ही नहीं हुए थे। भवन पूर्णता आदेश जिन पंचायतों से जारी होना बताया गया था, उन पंचायतों ने भी ऐसे आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है।
इन कॉलेजों पर दर्ज है FIR
एसटीएफ ने अंजुमन कॉलेज ऑफ एजुकेशन सेवड़ा (दतिया), प्राशी कॉलेज ऑफ एजुकेशन मुंगावली (अशोक नगर), सिटी पब्लिक कॉलेज शाढ़ौरा (अशोक नगर), मां सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, वीरपुर (श्योपुर), प्रताप कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बड़ौदा (श्योपुर), आइडियल कॉलेज, बरौआ (ग्वालियर) के संचालकों को आरोपी बनाया है। एसटीएफ यह भी जांच करेगी कि ये कॉलेज अब तक कितनी डिग्रियां बांट चुके हैं।