इंदौर (Indore News) के कलेक्टर मनीष सिंह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून (NDMA-2005) और महामारी कानून (एपिडेमिक एक्ट-1897) के तहत शैल्बी हॉस्पिटल के इन 13 पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन चुके इंदौर स्थित शैल्बी हॉस्पिटल के 13 कर्मचारियों के खिलाफ कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. ये सभी कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं हुए थे. इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून (NDMA-2005) और महामारी कानून (एपिडेमिक एक्ट-1897) के तहत शैल्बी हॉस्पिटल के इन 13 पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
आपको बता दें कि उपरोक्त दोनों कानूनों के तहत निजी अस्पताल में कार्यरत मेडिकल स्टाफ संकट की घड़ी में अपनी ड्यूटी पर उपस्थित रहने के लिए बाध्य होता है जब तक कि उसे कोई गंभीर दिक्कत ना हो. इंदौर जिला कलेक्टर ने इन 13 पैरामेडिकल स्टाफ पर कार्रवाई के लिए जारी किए गए अपने आदेश में इन्हीं दोनों कानूनों का हवाला दिया है.
इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने अपने आदेश में लिखा है कि प्रशासन और शैल्बी हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से इन कर्मचारियों से बार बार संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गई. इन्हें सोशल मीडिया और फोन के जरिए ड्यूटी पर उपस्थित होने के लिए कहा गया. अपर कलेक्टर कीर्ती खुरासिया ने खुद इन सभी कर्मचारियों को फोन किया और ड्यूटी पर आने के लिए कहा.
इन्होंने किसी की बात नहीं सुनी और ड्यूटी पर नहीं लौटे. इंदौर कलेक्टर ने शैल्बी हॉस्पिटल के इन 13 पैरामेडिकल स्टाफ को एनडीएम एक्ट-2005, एपिडेमिक एक्ट-1897 के साथ ही आईपीसी की धाराओं 187, 188, 269, 270 और 271 के उल्लंघन का दोषी मानते हुए कार्रवाई के आदेश दिए हैं.