MP में सबसे पहले बालाघाट के इस सिंधी परिवार को मिली भारत की नागरिकता #CAA

SHUBHAM SHARMA
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जबलपुर। सन 1964 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से जान बचाकर भागे गोपालदास प्रियानी का परिवार मध्यप्रदेश के बालाघाट में रह रहा था। तब से लेकर अब तक उन्हें भारत की नागरिकता नहीं दी गई थी। वह बार-बार अपनी वीजा की अवधि बढ़ाकर भारत में रह रहे थे। भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह ने आज जबलपुर में आयोजित रैली में गोपालदास के परिवार को भारत की नागरिकता देने की घोषणा कर दी। इसके साथ ही बालाघाट के चार सिंधी परिवारों भारत की नागरिकता दी गई।

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पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले गोपाल दास प्रियानी का परिवार 1964 में बालाघाट में आकर बस गया था। इसके बाद 1991 में श्रीचंद गुरनानी का परिवार आया। ऐसे सिंधी परिवारों की संख्या धीरे-धीरे कर बढ़ती गई जो पाकिस्तान से आकर बालाघाट में रहने लगे और 2019 में कुल 47 सदस्य हो गए जिनके पास भारत की नागरिकता नहीं है सिर्फ वीजा की अवधि बढ़वाकर वे बालाघाट में रह रहे थे।

हाल ही में उन्होंने एक बार फिर गृह मंत्रालय को आवेदन देकर वीजा की अवधि 2024 तक बढ़वा ली थी। हाल ही में देश में लागू हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद इन परिवारों में भी इस बात की आशा जाग गई थी कि उन्हें अब इस देश की नागरिकता मिल सकती है। इसके लिए उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर प्रयास किया और आखिरकार रविवार को गैरीसन ग्राउंड में आयोजित अमित शाह की सभा में उन्हें भारतीय होने का अधिकार मिल गया।

गृहमंत्री से मिली नागरिकता के बाद सिंधी परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि वे सालों से अपने ही देश में परायों तरह रह रहे थे। वीजा के आधार पर उन्हें यहां रहने और जीवन गुजर-बसर करने का अवसर तो मिल रहा था लेकिन देश की नागरिकों को जो अधिकार मिले हैं उनसे वे वंचित रहे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

परिवार अभी भी पाकिस्तान में

बालाघाट के इन सिंधी परिवारों के कई सदस्य अभी भी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में ही हैं जो दोयम दर्जे की जिंदगी व्यतीत करने मजबूर हैं। 2011 में पाकिस्तान से आकर बालाघाट में रह रहे करमचंद नागदेव ने कहा कि वहां की स्थिति यह है कि अन्याय होने के बाद भी वे आवाज नहीं उठा सकते हैं। व्यापार करने की भी उतनी छूट नहीं है। बंदूक के साए में कभी भी लूट लिया जाता है। भारत आने में लोग सिर्फ इसलिए हिचकते रहे कि उन्हें यहां की नागरिकता ही नहीं मिलती थी लेकिन अब कानून में संशोधन हो गए। ऐसे कई परिवार हैं जो अपने देश में वापस लौट सकेंगे।

इनको मिली नागरिकता

1. राजकुमार खत्री – 1991 में आए

2. श्रीचंद गुरनानी – 1991

3. गोपालदास प्रियानी – 1964

4. अजीत नागदेव – 2011

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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