छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 26 वर्षीय एक महिला ने दावा किया है कि उसके पति ने अन्य कारणों के अलावा भाजपा का समर्थन करने से नाराज होकर उसे तीन तलाक दे दिया।
हालांकि, महिला के पति ने आरोपों से इनकार किया है और उस पर विवाहेतर संबंध रखने का आरोप लगाया है। महिला ने रविवार को पुलिस में दर्ज कराई अपनी शिकायत में कहा कि उसकी शादी करीब आठ साल पहले हुई थी।
कोतवाली थाना प्रभारी उमेश गोल्हानी ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि कुछ समय तक उनके बीच संबंध सामान्य रहे, लेकिन बाद में उसके पति, सास और ननदों ने किसी न किसी बात को लेकर उसे ताना मारना और मारना शुरू कर दिया।
उन्होंने बताया कि महिला ने दावा किया है कि करीब डेढ़ साल पहले उसे घर से निकाल दिया गया था और वह अपने पति के साथ किराए के कमरे में रहती थी।
शिकायत का हवाला देते हुए गोल्हानी ने कहा कि महिला ने एक राजनीतिक पार्टी का समर्थन किया और उसके पक्ष में मतदान किया, जिससे उसका पति और अधिक नाराज हो गया, जिसके बाद उसने उसे ‘तीन तलाक’ दे दिया।
उन्होंने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने उसके पति, सास और चार ननदों के खिलाफ दहेज निषेध अधिनियम, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
उन्होंने बताया कि पीड़िता का बयान दर्ज कर लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
महिला ने सोमवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि उसके पति ने तलाक का नोटिस भेजकर उस पर चरित्रहीन होने और अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया है, जो उसने झूठा और निराधार बताया।
उन्होंने आरोप लगाया, “मैंने अपने वकील के माध्यम से नोटिस का जवाब दे दिया है। बाद में मैंने भाजपा का समर्थन किया और उसे वोट दिया। जब मेरे पति, उनकी मां और बहनों को यह जानकारी मिली तो उन्होंने मुझे तीन तलाक दे दिया। उनके परिवार के सदस्यों ने उनसे कहा कि या तो उन्हें छोड़ दो या फिर मुझे तीन तलाक दे दो।”
हालांकि, महिला के पति ने आरोप लगाया कि उसके अन्य लोगों के साथ संबंध थे, जिसके कारण यह “अशांति” पैदा हुई और उन्होंने अपने बच्चे के भविष्य की खातिर उसे सुलह के लिए कई मौके दिए।
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि यह “तत्काल तीन तलाक” या किसी राजनीतिक दल को समर्थन देने का मुद्दा नहीं है, क्योंकि 2022 में कोई चुनाव नहीं है।
व्यक्ति ने कहा कि उसने मुस्लिम कानून के अनुसार अपनी पत्नी को पहली बार 30 मार्च 2022 को तलाक दिया और उसके बाद अक्टूबर और नवंबर 2023 में दो बार तलाक दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि महिला उन्हें धमका रही है, उनकी छवि खराब कर रही है, उनके परिवार के सदस्यों का जीवन लंबे समय से बर्बाद कर रही है और अपने संबंधों को छिपाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है।
व्यक्ति ने यह भी दावा किया कि उसके परिवार में किसी ने भी उसे परेशान नहीं किया क्योंकि वह पिछले तीन वर्षों से अलग रह रही थी।
उन्होंने कहा कि तलाक का मुद्दा पहले ही अदालत में दायर किया जा चुका है और परिवार का हर सदस्य किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन करने के लिए स्वतंत्र है।
व्यक्ति ने यह भी कहा कि उसकी बहनें दूसरे शहर में अलग रह रही थीं, लेकिन उनके नाम “गलत तरीके से” मामले में शामिल कर दिए गए।