भोपाल: पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) घोटाले को अंजाम देने वाला नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट (Westminster Court, London) ने मंजूरी दे दी है. हालांकि, उसके इतनी जल्दी भारत आने की संभावना नहीं है. क्योंकि हीरा कारोबारी के पार कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के तीन विकल्प मौजूद हैं, इनमें हाई कोर्ट, मानवाधिकार अदालत और यूरोपीय अदालत हैं.
पीएनबी बैंक के कुल 13600 करोड़ रुपए गबन कर विदेश भागे नीरव मोदी की 5 देशों में 637 करोड़ रुपए की संपत्ति भारत सरकार जब्त कर चुकी है. लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि गुजरात के इस हीरा व्यापारी ने का मध्य प्रदेश से भी एक कनेक्शन है. नीरव मोदी से संबंधित कंपनी छतरपुर जिले से अरबों रुपए के हीरे ले जा चुकी है. घोटाले के सिलसिले में भोपाल स्थित नीरव मोदी की कंपनी के शोरूम पर भी रेड पड़ी थी और हीरे-जवाहरात जब्त किए गए थे.
नीरव मोदी की सहयोगी कंपनी को मिला था ठेका
छतरपुर जिले की बक्सवाहा, बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में रियो टिंटो (Rio Tinto Mining Company) नामक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को भी हीरे का भंडार खोजने का काम मिला था. रियो टिंटो ने 2002 में यहां काम शुरू किया था. पूरा प्रोजेक्ट 2200 करोड़ रुपए की लागत वाला था. रियो टिंटो नीरव मोदी की फायर स्टोन कंपनी (Firestar fonded in 1999, Formerly known as Firestone) की सिस्टर फर्म थी. दोनों मिलकर बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे. यहां की खदान से निकलने वाले बेशकीमती हीरों की प्रदर्शनी मुंबई से लेकर विदेशों तक लगाई जाती थी.
रियो टिंटो कंपनी के बारे में
रियो टिंटो भारत में 1930 से अस्तित्व में है. मध्य प्रदेश में ऑस्ट्रेलिया से आया यह पहला निवेश (करीब 2200 करोड़ रुपए) था. बंदर डायमंड प्रोजेक्ट (Bandar Diamond Project) के तहत रियो टिंटो ने 2002 में हीरे की खोज शुरू की और 2003 में कंपनी को हीरे का बड़ा भंडार मिला था. रियो टिंटो ने 2007 में खजुराहो इन्वेस्टर्स समिट में हीरा खनन के लिए MP सरकार के साथ अनुबंध किया था. मध्य प्रदेश में छतरपुर और पन्ना की खदानों से अभी सालभर में करीब 31000 कैरेट हीरा खनन हो रहा है.
पूर्व सीएम उमा भारती ने जताया था कड़ा विरोध
नीरव मोदी की कंपनी की सिस्टर फर्म रियो टिंटो की गड़बड़ियां उजागर होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कड़ा विरोध जताया था. उन्होंने इस कंपनी की जांच कराने की बात कही थी. रियो टिंटो के डायमंड प्रोसेसिंग प्लांट का शुभारंभ 27 अक्टूबर 2009 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था. उमा भारती ने कहा था कि केंद्र में जब वह कोयला और खनन मंत्री थीं, तब रियो टिंटो का इतिहास ब्लैक लिस्टेड कंपनी का था.
तत्कालीन जेल मंत्री को भी था गड़बड़ी का अंदेशा
रियो टिंटो की गड़बड़ियों पर मध्य प्रदेश की तत्कालीन जेल मंत्री कुसुम महदेले ने भी शंका व्यक्त की थी. क्योंकि कंपनी ने 8 साल तक प्रोस्पेक्टिंग के बाद सिर्फ 2.5 लाख रुपए के हीरे सरकारी खजाने में जमा किए. ऐसी शंका व्यक्त की गई कि करोड़ों-अरबों रुपए के हीरे रियो टिंटो ने गुपचुप तरीके से विदेश पहुंचा दिए. मंत्री महदेले ने बेशकीमती हीरों के गायब किए जाने का संदेह व्यक्त करते हुए कहा था कि इस पूरे मसले की जांच की जाना चाहिए. हीरा खनन परियोजना के नाम पर कुछ गड़बड़ी तो हुई है.
रियो टिंटो ने 8 साल तक प्रोस्पेक्टिंग की, सिर्फ 2.5 लाख के हीरे जमा कराए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंदर डायमंड प्रोजेक्ट में हीरा भंडार 20,000 करोड़ रुपए से अधिक का था. रियो टिंटो 8 सालों तक प्रोस्पेक्टिंग के लिए बोरिंग और अन्य उपकरणों से खुदाई करती रही, लेकिन प्रोजेक्ट बंद करने के एलान के बाद पन्ना के हीरा कार्यालय में उसने सिर्फ ढाई लाख रुपए कीमत के ही 2700 कैरेट हीरे जमा कराए. आयकर विभाग ने फरवरी 2018 में नीरव मोदी की कंपनी गीतांजलि ज्वेलर्स और नक्षत्र ज्वेलर्स के कई शोरूम्स पर छापे मारकर करोड़ों के हीरे और जेवरात जब्त किए थे.