जबलपुर/भोपाल : मध्यप्रदेश में विद्युत वितरण कंपनी ने एक बार फिर से बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। कंपनियों ने बिजली की दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा कर दिया है।
बिजली कंपनी ने यह बढ़ोतरी फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट में की है। नई दरें एक जुलाई में लागू भी हो गई हैं, जो सितम्बर तक प्रभावी रहेंगी।
दरअसल, विद्युत वितरण कंपनियों ने कोयला ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने के कारण मप्र विद्युत नियामक आयोग ने फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट (एफसीए) में बढ़ोतरी की मांग की थी। इस पर आयोग ने कंपनियों की मांग को स्वीकार करते हुए एफसीए में 10 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है।
अब उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 6 पैसे की बजाए 16 पैसे एफसीए देना होगा। यदि आप महीने में 200 यूनिट बिजली जलाते हैं, तो जून की अपेक्षा जुलाई के बिल में 22 रुपये अधिक देने पड़ेंगे। ये दर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक के लिए है। हालांकि, 100 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को फिलहाल 100 रुपये ही देने होंगे, क्योंकि इसकी भरपाई सरकार बिजली कंपनियों को सब्सिडी देकर करेगी।
उल्लेखनीय है कि हर तीन माह में एफसीए मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी की तरफ से तय किया जाता है। इसका निर्धारण पावर प्लांट में जलने वाले कोयले और तेल के आधार पर तय होता है। कई बार यह कम होता है तो कई दफा बढ़ोतरी की जाती है। अभी तक 6 पैसे प्रति यूनिट यह था।
जुलाई से 10 पैसे बढ़ने के बाद प्रति यूनिट 16 पैसे एफसीए तय हो गया है। पिछले दिनों गर्मी में एकाएक बिजली की मांग बढ़ने की वजह से प्रदेश की बिजली कंपनी को अतिरिक्त महंगा कोयला और महंगी बिजली खरीदनी पड़ी थी, जिस वजह से जाहिर है कि तिमाही में दाम बढ़ाना पड़ा।
पावर मैनेजमेंट कंपनी की प्रभारी सीजीएम रीता खेत्रपालने बताया कि कोयला परिवहन और फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी होने के कारण कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग से एफसीए की दर में बढ़ोतरी की मांग की गई थी। आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद एफसीए की दर में इजाफा किया गया है।
एक साल में बढ़ गए 33 पैसे प्रति यूनिट
बिजली कंपनियों ने एक साल में एफसीए में 33 पैसे की बढ़ोतरी कर दी। साल भर पहले कंपनियां माइनस 17 पैसे फ्यूल कास्ट वसूल रही थीं। अब ये 16 पैसे प्रति यूनिट है। रिटायर्ड मुख्य अभियंता राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि बिजली कंपनी ने बिना किसी सूचना के फ्यूल चार्ज बढ़ा दिए हैं।
ये एक तरह से उपभोक्ताओं से धोखा है। बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर भार लाद रही हैं। बिजली कंपनियों ने इसी साल अप्रैल में भी बिजली की दरों में बढ़ोतरी की थी। बिजली की कीमतों में औसतन 2.64 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इसमें घरेलू बिजली की दरों में 3 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।