eanugya.mp.gov.in : मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की उपज के भुगतान को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-अनुज्ञा प्रणाली (E Anugya MP) को लागू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार कृषकों के कल्याण एवं समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है। इस नई प्रणाली के तहत अब किसानों को भुगतान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव (MP CM MOHAN YADAV) के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण एवं समस्याओं के निराकरण के लिये प्रतिबद्ध है। किसानों की उपज का भुगतान आसान बनाने के लिये प्रदेश में ई-अनुज्ञा प्रणाली लागू की गई है। कृषकों को इस प्रणाली से जोड़कर प्रत्येक भुगतान की एंट्री ई-अनुज्ञा पोर्टल (MP E Anugya Portal) पर हो रही है। व्यापारियों द्वारा इस प्रणाली का इस्तेमाल कर क्रय की गई कृषि उपज के परिवहन के लिये गेट पास बनाये जा रहे हैं। रिकॉर्ड संधारण में इस प्रणाली से बहुत लाभ हुआ है।
ई-मंडी योजना, ई-अनुज्ञा प्रणाली का विस्तारित रूप है। मंडियों में इस योजना के लागू होने से मैनुअली संधारित रिकॉर्ड धीर-धीरे समाप्त हो रहा है। ई-मंडी योजना मंडी प्रांगण के अंदर कृषकों को प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल और भुगतान की प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिकली कैप्चर करने की प्रक्रिया है। योजना को स्कॉच आर्डर ऑफ मेरिट वर्ष 2023 प्रदान किया गया है।
ई-अनुज्ञा प्रणाली क्या है? eanugya.mp.gov.in
ई-अनुज्ञा प्रणाली एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसके माध्यम से किसानों की उपज की बिक्री, भुगतान, परिवहन, और रिकॉर्ड प्रबंधन को पारदर्शी और तेज बनाया गया है। इस प्रणाली के तहत:
- प्रत्येक किसान का डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाता है।
- व्यापारियों को खरीद के बाद गेट पास प्राप्त करने की सुविधा मिलती है।
- भुगतान की प्रक्रिया को ट्रैक करने और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल एंट्री की जाती है।
ई-अनुज्ञा प्रणाली के प्रमुख लाभ – E Anugya MP GOV
- भुगतान में तेजी और पारदर्शिता: किसानों को उनकी फसल का भुगतान समय पर और सीधे उनके बैंक खाते में प्राप्त होता है।
- भ्रष्टाचार पर लगाम: यह प्रणाली किसानों और व्यापारियों के बीच किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने में सहायक होगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड संधारण: सभी लेन-देन और परमिट ऑनलाइन दर्ज किए जाते हैं, जिससे रिकॉर्ड का दुरुपयोग नहीं हो सकता।
- किसानों को बेहतर मूल्य: किसान अपनी उपज को मंडी के डिजिटल पोर्टल पर अधिकतम मूल्य पर बेच सकते हैं।
- गेट पास प्रणाली: व्यापारियों को फसल परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक गेट पास जारी किया जाता है, जिससे अवैध व्यापार पर अंकुश लगता है।
कैसे काम करती है MP E Anugya Pranali?
- किसान अपना पंजीकरण ई-अनुज्ञा पोर्टल पर करते हैं।
- फसल बिक्री के लिए व्यापारी ऑनलाइन निविदा डालते हैं।
- सौदा तय होने पर ई-अनुज्ञा पोर्टल पर भुगतान और फसल उठाव की प्रक्रिया शुरू होती है।
- व्यापारी को गेट पास जारी किया जाता है, जिससे फसल को राज्य या बाहरी बाजारों में ले जाया जाता है।
- किसानों को उनके बैंक खाते में भुगतान सीधा ट्रांसफर किया जाता है।
ई-मंडी योजना: ई-अनुज्ञा प्रणाली का उन्नत रूप – E Anugya MP
ई-मंडी योजना ई-अनुज्ञा प्रणाली का विस्तारित रूप है, जो मंडियों में सभी गतिविधियों को डिजिटली नियंत्रित करती है। इसके तहत:
- मंडी में किसान के प्रवेश से लेकर नीलामी, तौल, और भुगतान तक की प्रक्रिया को डिजिटल किया गया है।
- मैनुअल रिकॉर्ड संधारण समाप्त हो रहा है, जिससे धोखाधड़ी और गड़बड़ियों पर नियंत्रण हुआ है।
- इस योजना को वर्ष 2023 में स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
किसानों और व्यापारियों के लिए लाभ
किसानों के लिए:
✔ तेजी से भुगतान की सुविधा ✔ उचित मूल्य पर फसल बेचने का अवसर ✔ डिजिटल रिकॉर्ड और पारदर्शिता ✔ सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ
व्यापारियों के लिए:
✔ गेट पास की तेज प्रक्रिया ✔ भ्रष्टाचार और अवैध खरीद-फरोख्त में कमी ✔ डिजिटल लेन-देन से पारदर्शिता ✔ व्यवसाय करने में आसानी
कैसे करें ई-अनुज्ञा प्रणाली में पंजीकरण?
किसानों और व्यापारियों को इस प्रणाली से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा:
- आधिकारिक ई-अनुज्ञा पोर्टल पर जाएं।
- “नया पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें।
- अपने आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और फसल विवरण भरें।
- OTP के माध्यम से सत्यापन करें।
- पंजीकरण पूरा होने के बाद, लॉगिन करके फसल की बिक्री शुरू करें।