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दूर तक घना जंगल और बैगा परिवारों की नई राह: बैगा परिवारों की कहानी और संघर्ष

By SHUBHAM SHARMA

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दूर तक घना जंगल और बैगा परिवारों की नई राह: बैगा परिवारों की कहानी और संघर्ष

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बियाबान जंगल, बिखरे-बिखरे गांव, और आस-पास का खौफनाक वातावरण। बैगा परिवारों के जीवन का यही सच था। बालाघाट जिले के परसवाड़ा ब्लॉक के इन बैगा परिवारों के लिए हर दिन एक चुनौती था। बिजलीपानी, और स्वास्थ्य सुविधाएं जैसी बुनियादी जरूरतें इनसे दूर थीं। शाम ढलते ही इन गांवों में घना अंधेरा छा जाता था, और जंगल की आवाजें, जंगली जानवरों का डर और एकांत रास्ते, इनके जीवन को और कठिन बना देते थे।

ये इलाके जहां बैगा समुदाय रहता है, वहां का भौगोलिक और सामाजिक ढांचा इन्हें बाकी दुनिया से अलग कर देता था। शाम होते ही घरों में बंद हो जाना इनका अभ्यस्त जीवन था। जंगली जानवरों का खौफ, कच्चे रास्ते, और गांवों का बिखराव उनकी हर रोज की समस्या थी।

सड़कों ने बदली तस्वीर

अब हालात बदल चुके हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बैगा परिवारों के लिए तीन नई सड़कों का निर्माण हुआ है। ये सड़कें उनके जीवन में एक नई रोशनी लेकर आईं। नाटा से पांडाटोल (4.85 किमी)बड़गांव से साल्हे (4.50 किमी), और पांडाटोला से बीजाटोला (0.811 किमी) ये तीन सड़कें (कुल लंबाई 10.16 किमी) उन पगडंडियों को पक्की सड़कों में बदल दिया है, जिनसे पहले केवल पैदल ही सफर किया जा सकता था।

पांडाटोला से बीजाटोला तक की 811 मीटर की सड़क खासतौर पर चर्चा का विषय रही, क्योंकि यह सड़क पीएम जन-मन योजना के तहत मात्र 164 दिनों में बनकर तैयार हुई। 16 मार्च से शुरू होकर यह सड़क 26 अगस्त तक पूरी कर ली गई, और यह योजना के तहत देश की पहली सड़क मानी जा रही है जिसका सीधा लाभ पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) के बैगा परिवारों को मिल रहा है।

सड़कों का महत्व: कैसे बदला बैगा समुदाय का जीवन

इन सड़कों के बनने से बैगा परिवारों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। अब वे अपने गांवों में ही नहीं, बल्कि अपने जिले, राज्य, और देश से जुड़ गए हैं। 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3,000 से अधिक बैगा परिवार अब हर मौसम, हर समय एक-दूसरे से जुड़ पाए हैं।

सड़कों का मतलब सिर्फ सफर का सुगम होना नहीं है, बल्कि यह विकास के कई नए द्वार खोलती है। इन सड़कों से बैगा परिवारों को मिली नई संभावनाएं हैं:

  • राशन: अब सरकारी राशन दुकानों से राशन लेना आसान हो गया है।
  • शिक्षा: बच्चे अब बिना किसी डर के स्कूल जा पा रहे हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: मरीजों को अब पास के बड़े कस्बे या अस्पताल तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होती।
  • कृषि उत्पाद: किसान अपनी फसलों को आसानी से मंडी तक पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है।

ग्रामीण विकास की नई राह: सड़कें और उनके लाभ

इन सड़कों के निर्माण ने बैगा समुदाय के जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। जहां पहले ये परिवार असहाय महसूस करते थे, वहीं अब वे अपने गांवों से कस्बों और जिलों से जुड़ गए हैं। यह सड़कों का जाल केवल यात्राओं को सुगम बनाने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है।

ये सड़के गांवों को जोड़ने के साथ ही उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लेकर आई हैं। जहां पहले केवल जंगलों के बीच घिरा जीवन था, अब वहां सड़क एक नयी उम्मीद का प्रतीक बनकर उभरी है।

बच्चों की शिक्षास्वास्थ्य सुविधाएंकृषि उत्पादों का व्यापार, और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ – यह सब इन सड़कों के बनने के बाद संभव हो सका है।

विकास की नई दिशा: भविष्य की संभावनाएं

इन सड़कों के निर्माण ने केवल वर्तमान की समस्याओं को हल किया है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी उजागर किया है। सरकार द्वारा किए गए ये विकास कार्य बैगा समुदाय के लिए एक नया जीवन लेकर आए हैं। पीएम जन-मन योजना के तहत किए गए इन कार्यों से इस पिछड़े समुदाय का जीवन बदल गया है, और वे देश की मुख्यधारा से जुड़ गए हैं।

इन सड़कों का सीधा लाभ बैगा परिवारों को मिल रहा है, और उनकी जिंदगी अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। यह परिवर्तन दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं का सही प्रयोग और समर्पण कैसे ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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