MP के सीएम मोहन यादव का महत्वपूर्ण निर्णय: रीवा में दीवार गिरने की दुःखद घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। इस घटना में चार मासूम बच्चों की जान चली गई, जो ग्राम गढ़ के एक निजी विद्यालय के छात्र थे। इन बच्चों की आयु 5 से 8 वर्ष के बीच थी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और दिवंगत बच्चों के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पहले घोषित 2-2 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 4-4 लाख रुपए कर दिया है।
घटना का विवरण
यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चे विद्यालय में खेल रहे थे। अचानक विद्यालय की दीवार ढह गई और बच्चे उसके नीचे दब गए। स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन दुर्भाग्यवश, चार बच्चों को नहीं बचाया जा सका। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर फैला दी है और लोग सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सरकारी सहायता और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सभी विद्यालयों की इमारतों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं कि सभी निजी और सरकारी विद्यालयों की इमारतों की स्थिति की जांच की जाए और जहां भी मरम्मत की जरूरत हो, तुरंत कार्रवाई की जाए।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
रीवा के जिला कलेक्टर ने भी इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू किया था। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है जो यह जांच करेगी कि दीवार क्यों गिरी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
समाज की प्रतिक्रिया
इस हादसे के बाद समाज में आक्रोश है। स्थानीय लोग और विभिन्न सामाजिक संगठन सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। वहीं, कई संगठनों ने भी पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
भविष्य के लिए सुरक्षा उपाय
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी विद्यालयों में सुरक्षा के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि सभी विद्यालयों में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों। इसके लिए सभी विद्यालयों में नियमित रूप से आपातकालीन अभ्यास (ड्रिल) कराए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सामाजिक जागरूकता अभियान
सरकार ने इस घटना के बाद समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को भी इस दिशा में जागरूक होना होगा और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और सरकार दोनों को मिलकर काम करना होगा.