मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्वच्छ शहर में अब शॉर्ट फिल्म बनाने बनाने का क्रेज काफी बढ़ गया है। बीते कुछ दिनों पहले जहां महिलाओं और लड़कियों पर हो रहे अत्याचार और उनसे किस तरह से निपटा जाए इसके बारे में शार्ट फिल्म बनाई गई थी।
इसके अलावा एक ड्राइवर की निजी जिंदगी पर भी फिल्म बनाई गई थी। ऐसे में अब इंदौर की देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स ने भी शार्ट फिल्म बनाई जिसके लिए अब ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है। बता दें कि यह शॉर्ट फिल्म ‘मेला चिल्ड्रन ड्रामा जॉनर’ फिल्म है इसका इंग्लिश नाम ‘कार्निवाल’ है।
25 अलग-अलग फेस्टिवल में हुई प्रदर्शित
बता दें कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के स्टूडेंट के द्वारा बनाई गई अब इस फिल्म को ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है। यह फिल्म ऑस्कर के सेमीफाइनल राउंड में पहुंच चुकी है। इस फिल्म को देश-विदेश के 25 अलग-अलग फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित भी किया जा चुका है। वहीं फ्रांस के एक फेस्टिवल में यह फिल्म अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है। दुनिया भर के बड़े फिल्म अवार्ड ऑस्कर के स्टूडेंट सेशन के लिए नॉमिनेटेड फिल्म मेला डीएवीवी के ईएमआरसी स्टूडेंट प्रांजल जोशी और अनिकेत त्रिवेदी ने बनाई है।
इन देशों ने फिल्म को किया पसंद
इस फिल्म के अच्छे प्रदर्शन के बाद एकेडमी अवॉर्ड्स ने सभी केटेगरी एनिमेशन डाक्यूमेंट्री और नरेटी वर्ग में पूरे एशिया से शार्ट फिल्म का चयन किया गया है। मेला को इंटरनेशनल नरेट इन कैटेगरी के अंतर्गत प्रदर्शित किया जाएगा। यह फिल्म इटली ग्रीस फ्रांस स्पेन अमेरिका और इंग्लैंड समेत कई देशों को पसंद आई है।
इस तरह है फिल्म की कहानी
बता दें कि इस फिल्म की कहानी बहुत ही अच्छी है। इसमें 3 बेघर बच्चे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी के संघर्ष से गुजर रहे हैं। शहर में मेला लगा है तीनों कुछ पैसे जमा करने की ज्यादा हाथ में लगे हुए हैं। मेले की रात होने वाले उलटफेर से बेखबर है ।मालूम नहीं जानते कि आने वाला वक्त किस तरह का रोमांस भरा होगा। इस फिल्म में यश कान्हेरे आदित्य चोलकर और वंश गांधी ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
इतने रुपये के खर्च में बनी है फिल्म
इस फिल्म के बनने के बाद प्रांजल जोशी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि लालबाग मेले में घूमने गया ।वहां पर देखा के अंदर जाने के लिए टिकट लगता है। इसी दौरान उनके मन में विचार आया और उन्होंने इस फिल्म को बनाने की शुरुआत कर दी। इसके बाद मेरे मन में जो विचार आया ।मैंने अपने दोस्तों के साथ साझा किया इसके बाद हमने शॉर्ट फिल्म बनाई। यह फिल्म बनाने में करीब 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आया है।
वहीं डीएवीवी के डीएमआरसी विभाग के निदेशक डॉ. चंदन गुप्ता ने कहा कि फिल्म की पूरी टीम में ईएमआरसी के स्टूडेंट की है। फिल्म का लेखन निर्देशन और एडिटिंग प्रांजल जोशी और अनिकेत त्रिवेदी ने की है। फोटोग्राफी अनिकेत त्रिवेदी ने की है। इस फिल्मों को लालबाग की लोकेशन पर शूट किया गया है और यह फिल्म सभी को काफी पसंद आई है अभी इस फिल्म को ऑस्कर अवार्ड मिलने वाला है।