DAVV Paper Leak Case Update: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) ने बुधवार को पुलिस को एक लिखित शिकायत भेजकर एमबीए प्रथम सेमेस्टर के दो पेपर लीक होने की जानकारी दी और मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
विवेक खंडेलवाल और गिरीश नागर के नेतृत्व में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा मामले में शामिल लोगों के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर डीएवीवी के आरएनटी मार्ग परिसर में प्रदर्शन करने के बाद विश्वविद्यालय को शिकायत भेजी गई थी।
उन्होंने तीन-चार कॉलेजों के प्रबंधन की संलिप्तता का दावा करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं को मामले की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय समिति को लिखित में शिकायत देने का सुझाव दिया।
विश्वविद्यालय अधिकारियों द्वारा बुधवार को ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आश्वासन दिए जाने के बाद ही प्रदर्शन समाप्त हुआ।
खंडेलवाल ने कहा, “एमबीए परीक्षा के दो पेपर लीक होने से विश्वविद्यालय की छवि पूरी तरह से खराब हो गई है। हम पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालय को बता रहे हैं कि पेपर नियमित रूप से लीक हो रहे हैं, लेकिन वे हमारी बात नहीं सुन रहे हैं। जब हमने सबूत साझा किए, तभी विश्वविद्यालय ने लीक की कड़वी सच्चाई को स्वीकार किया। अब हम आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई चाहते हैं।”
नागर ने कहा कि उन्हें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि पेपर लीक की घटना के 36 घंटे बाद भी विश्वविद्यालय ने मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी।
डीएवीवी की खामियां उजागर हो गई हैं, क्योंकि एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दो विषयों के प्रश्नपत्र परीक्षा से पहले लीक हो गए।
सूत्रों ने दावा किया कि पेपर लीक कांड तब सामने आया जब छात्रों को पता चला कि मंगलवार को होने वाला अकाउंटिंग फॉर मैनेजर्स का पेपर आधिकारिक परीक्षा समय से 15 से 16 घंटे पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो चुका था।
बाद में पता चला कि 25 मई को आयोजित कंटीन्यूअस टेक्नीक विषय का पेपर भी लीक हो गया था। अप्रत्याशित कारणों का हवाला देते हुए विश्वविद्यालय ने दोनों विषयों की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं।
जांच समिति ने काम शुरू किया
डीएवीवी के लोकपाल नरेंद्र सत्संगी की अगुवाई में चार सदस्यीय समिति ने पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है। समिति ने प्रश्नपत्र वितरण प्रणाली, विश्वविद्यालय से पेपर भेजने से लेकर परीक्षा के समय छात्रों तक पहुंचने तक की जानकारी मांगी है।
डीएवीवी कार्यकारी परिषद के सदस्य डॉ. एके द्विवेदी ने रजिस्ट्रार अजय वर्मा को एक पत्र लिखकर लोकपाल और सेवानिवृत्त न्यायाधीश नरेंद्र सत्संगी की अध्यक्षता वाली जांच समिति में दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को शामिल करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, ‘जांच पैनल के निष्कर्षों को 12 जून को होने वाली कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाना चाहिए।’
द्विवेदी ने यह भी कहा कि एमबीए के प्रथम सेमेस्टर के पेपर लीक होने से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। उनके पत्र में लिखा है, ‘इस मामले में शामिल जिम्मेदार कर्मचारियों/अधिकारियों या बाहरी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’