कोरोना महामारी का तिरंगे के व्यवसाय पर असर, ग्वालियर में 40 फीसदी घटा व्यापार

Khabar Satta
By
Khabar Satta
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
2 Min Read

ग्वालियर: गणतंत्र दिवस की 72वीं वर्षगांठ पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जा रही है। इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर गणतंत्र दिवस सामाजिक दूरी और मास्क पहनकर मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी का असर जहां हर व्यवसाय पर पड़ा है। वहीं, इसका असर भारत की आन-बान शान कहे जाने वाले तिरंगे झंडे के निर्माण व्यवसाय पर भी पड़ा है।

ग्वालियर का मध्य भारत खादी संघ तिरंगे झंडे के निर्माण के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। कोरोना महामारी के कारण इस साल झंडे का निर्माण कार्य 40 फीसदी कम हुआ है।खादी संघ को इस वजह से करीब 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। खादी संघ इकाई का टर्नओवर जहां हर साल करीब 40 से 50 लाख के बीच रहता था। वहीं, इस साल कोरोना महामारी के चलते गणतंत्र दिवस पर मात्र 18 लाख के झंडों का ही व्यवसाय हो पाया है।

भारत में जगहों पर होता है तिरंगे झंडों का निर्माण

बता दें कि भारत में 3 जगहों पर ही तिरंगा झंडा बनाया जाता है. इनमें मुंबई, हुगली और ग्वालियर प्रमुख हैं। अगर ग्वालियर में बने तिरंगे झंडे की बात की जाए तो यहां यहां बनने वाला तिरंगा झंडा मध्यप्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात समेत अन्य राज्यों में सप्लाई होता है।

खादी संघ में बनाए जाते हैं आईएसआई प्रमाणति झंडे

खादी संघ में  तैयार किए जाने वाले झंडे आईएसआई प्रमाणित होते हैं। यहां 3 साइज के तिरंगे झंडों का निर्माण किया जाता है। वहीं, राष्ट्रध्वज बनाने के लिए संस्था पूरे मानकों का ध्यान रखती है। इसमें कपड़े की क्वालिटी,रंग और तिरंगे झंडे पर बनने वाले चक्र के साइज का ध्यान रखा जाता है।

Share This Article
Follow:
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *