भोपाल (मध्य प्रदेश): मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को जाट समुदाय के कल्याण के लिए वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि जाट समुदाय की महान हस्तियों के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि नई पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके। वीर तेजाजी महाराज के निर्वाण दिवस पर स्वैच्छिक अवकाश घोषित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने रविवार को भोपाल में आयोजित महा जाट सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह घोषणाएं कीं. विधानसभा चुनाव में जाटों को कम से कम 10 टिकट दिए जाने की समुदाय के नेताओं की मांग का जवाब देते हुए उन्होंने यह कहकर लाचारी जताई कि यह पार्टी से जुड़ा मामला है लेकिन वह भाजपा नेताओं को संदेश देंगे। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “कृषि मंत्री कमल पटेल सहित दो जाट विधायक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।”
समुदाय की एक अन्य मांग कि इंदौर, ग्वालियर और भोपाल में शैक्षिक भवन के लिए भूमि आवंटित की जाए, पर उन्होंने कहा कि आवश्यक पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि जाट समुदाय की अन्य मांगों पर विचार किया जाएगा। राजा नाहर सिंह, हीरा सिंह, राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैसे जाट राजाओं की समृद्ध विरासत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जाट राजाओं ने हमलावर मुगलों को खदेड़ दिया था।
अपने अतीत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान वह जेल में बंद रहे। जब वह जेल से बाहर आया, तो उसके परिवार ने उसे यह सोचकर दरवाजे दिखाए कि वह फिर से जेल जाएगा। चौहान ने कहा, “उस समय विक्रम सिंह जाट ने मेरी मदद की थी।” मौके पर कमल पटेल व दिग्गज नेता विक्रम वर्मा मौजूद रहे।
‘कार्यान्वयन में विश्वास’
जाट समुदाय के सम्मेलन में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ भी शामिल हुए। जाट समुदाय की मांगों पर उन्होंने कहा कि वह घोषणा मशीन नहीं बनना चाहते हैं और कार्यान्वयन में विश्वास करते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वह उनकी मांगों पर विचार करेंगे।