जबलपुर-मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में बिजली दफ्तरों में बिजली बिलों में रीडिंग की ऑनलाइन हेरीफेरी के चलते एक सहायक अभियंता को दोषी करार देते हुए निलंबित किया गया है।वहीं 6 सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। बताया जा रहा है कि अब तक लगभग 15 लाख रुपए का रीडिंग घोटाला हुआ है। यह घोटाला सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता की गोपनीय आईडी से रीडिंग में छेड़छाड़ कर किया गया है।हालांकि कंपनी ने अब वित्तीय नुकसान की करीब 50 फीसदी भरपाई उपभोक्ताओं से कर ली है।
जानकारी के अनुसार, कम्प्यूटर से बिजली बिलों की रीडिंग में छेड़छाड़ का मामला सबसे पहले कटनी में सामने आया था। इसके बाद मामले की जांच की गई तो जबलपुर में एक-दो नहीं करीब दो सैकड़ा गड़बड़ी उजागर हुईं। सबसे पहले यह हेराफेरी 2017 में सामने आई थी। जांच में सामने आया कि नगर संभाग ऑपरेटर उपभोक्ता से घूस सहायक अभियंता टीपी सर्केल की आईडी से रीडिंग को ऑनलाइन कम कर देता था।जिसके बाद बिल की राशि कम्प्यूटर पर कम हो जाती थी। इसी तरह बिल की रकम का आधा पैसा लेकर ऑपरेटर कम्प्यूटर में बिल जमा कर देता था लेकिन पैसा कंपनी को नहीं देता था।
मामले में गड़बड़ी सामने आई तो पूरे शहर में जांच की गई तो जिले के हर डिवीजन में हेराफेरी के सैकड़ों मामले उजागर हो गए।इस तरह से जबलपुर में अब तक 250 के आसपास मामले गड़बड़ मिले जिनमें लगभग 15 लाख रुपए का रीडिंग घोटाला हुआ।जांच में सामने आया कि सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता की गोपनीय आईडी से रीडिंग में हेराफेरी की गई।
इस पूरे मामले में सहायक अभियंता को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है।इसके अलावा नगर संभाग पूर्व के 2 सहायक अभियंता, नगर संभाग पश्चिम में दो सहायक अभियंता और दो अन्य जेई और एई के खिलाफ कार्यवाही के लिए जार्चशीट दाखिल की गई है। साथ ही 3 अधिकारियों को मामले में नोटिस देकर जवाब मांगा गया है।हालांकि कंपनी द्वारा घोटाले की ज्यादातर राशि की वसूली उपभोक्ताओं से कर ली गई है। मामले में आगे जांच की जा रही है। इसी के साथ बड़े घोटाले होने की आशंका जताई जा रही है।