Bharatiya Nyay Sanhita: नए कानून के बाद एमपी के ग्वालियर में पहला आपराधिक मामला दर्ज

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Bharatiya Nyay Sanhita: नए कानून के बाद एमपी के ग्वालियर में पहला आपराधिक मामला दर्ज

Bharatiya Nyay Sanhita: भारत में भारतीय न्याय संहिता (INC) के लागू होने के बाद, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पहला आपराधिक मामला दर्ज किया गया। यह मामला ग्वालियर के हजीरा पुलिस स्टेशन में सोमवार को सुबह 12:10 बजे दर्ज हुआ।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, यह एफआईआर 1 जुलाई की देर रात धारा 303 (2) के तहत दर्ज की गई। यह एफआईआर एक बाइक चोरी से संबंधित है, जिसे ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र के निवासी सौरभ नरवरिया (पुत्र नागेंद्र सिंह नरवरिया) ने एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ दर्ज कराया है।

नए आपराधिक कोड के पीछे का विचार

पहले भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में आरोपी को दंडित करने पर जोर दिया जाता था। लेकिन नए कानूनों के साथ न्याय पर अधिक जोर दिया गया है। इसलिए भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्यायिक संहिता में बदल दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य न्याय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।

ई-एफआईआर की सुविधा

नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के साथ, एफआईआर पंजीकरण प्रक्रिया को उन्नत किया गया है। अब पीड़ित उस स्थान से ई-एफआईआर दर्ज कर सकता है जहां घटना घटी थी। इससे घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी को गवाह के रूप में बाध्य किया जाएगा। पीड़ित घटना के 3 दिन के भीतर पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर की कॉपी प्राप्त कर सकता है।

चेन स्नैचिंग के लिए अलग धारा

पहले चेन स्नैचिंग के अपराध के लिए कोई अलग धारा नहीं थी और इसे डकैती के अपराध के तहत दर्ज किया जाता था। लेकिन नई आपराधिक संहिता में चेन स्नैचिंग के लिए एक अलग धारा शामिल की गई है। इससे इस प्रकार के अपराधों के लिए एक स्पष्ट और विशिष्ट दंड व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी।

न्याय प्रणाली में सुधार

नए आपराधिक कोड के साथ न्याय प्रणाली में कई सुधार किए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य न्याय को सुलभ और शीघ्र बनाना है। नए कानूनों के तहत अपराधों की जांच और सुनवाई की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

नए कोड के लाभ

नए आपराधिक कोड के लागू होने से कई लाभ प्राप्त होंगे:

  1. त्वरित न्याय: न्याय प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
  2. पारदर्शिता: न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  3. तकनीकी उन्नति: ई-एफआईआर जैसी सुविधाओं के माध्यम से तकनीकी उन्नति को बढ़ावा मिलेगा।
  4. विशिष्ट दंड: विभिन्न अपराधों के लिए विशिष्ट दंड व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

नए आपराधिक कोड के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

हालांकि नए कोड के कई लाभ हैं, इसके कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियाँ भी हैं:

  1. प्रशिक्षण: पुलिस और न्यायिक अधिकारियों को नए कानूनों के बारे में प्रशिक्षण देना।
  2. सार्वजनिक जागरूकता: आम जनता को नए कानूनों के बारे में जागरूक करना।
  3. तकनीकी समर्थन: ई-एफआईआर जैसी सुविधाओं के लिए तकनीकी समर्थन सुनिश्चित करना।

ग्वालियर में नया मामला: एक उदाहरण

ग्वालियर में दर्ज किया गया पहला मामला नए आपराधिक कोड के तहत न्याय प्रक्रिया में सुधार का एक उदाहरण है। इस मामले में एफआईआर को दर्ज करने की प्रक्रिया और इसके तहत कार्रवाई का तरीका नए कानूनों की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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