मुंबई : मुंबई में ट्रेन या बस यात्रा के दौरान या घर में खाली समय में खेले जाने वाले मोबाइल गेम ‘लूडो’ के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका की मुख्य मांग यह है कि ‘लूडो’ को किस्मत का खेल घोषित किया जाए न कि हुनर का। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने अपनी भूमिका स्पष्ट करने के लिए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
‘लूडो’ का खेल, जो काले कार्डबोर्ड पर सांप के साथ आता था, मोबाइल के आधुनिक युग में युवाओं और बुजुर्गों के लिए एक ताबीज बन गया है। अक्सर लोग अपने खाली समय में ट्रेन, बस या कहीं भी इस गेम को खेलते देखे जाते हैं। हालांकि सुप्रीम मोबाइल एप पर पैसे डालकर वही खेल खेला जा रहा है, जो जुआ रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत अपराध है। इसलिए मनसे पदाधिकारी केशव मुले ने इस मोबाइल एप में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए वीपी थाने में शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि, मुंबई पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
इसके बाद मुले इसके खिलाफ मजिस्ट्रेट के दरबार में गए। हालांकि, निचली अदालत ने फैसला सुनाया कि लूडो कौशल का खेल था और प्राथमिकी को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने इस फैसले को मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। निखिल मेंगड़े के माध्यम से एक आपराधिक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर हाल ही में जस्टिस एस. एस सुनवाई शिंदे और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की अवकाश पीठ के समक्ष हुई। तो क्या इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है? ऐसा सवाल पीठ ने याचिकाकर्ताओं से किया था।
याचिका में दी गई जानकारी के मुताबिक, चार लोग एक साथ आते हैं और 5-5 रुपये की शर्त लगाकर यह खेल खेलते हैं। विजेता को 17 रुपये मिलते हैं जबकि ऐप ऑपरेटरों को बदले में 3 रुपये मिलते हैं। लूडो जैसे खेलों को जुए में तब्दील किया जा रहा है और युवा पीढ़ी इसकी ओर अधिक आकर्षित हो रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में यह मामला उठाया गया था कि इसका समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। साथ ही पासा फेंकने से उस पर आने वाले अंक के अनुसार ‘लूडो’ का खेल खेला जाता है। तो यह कौशल का खेल नहीं है, यह शुद्ध भाग्य का खेल है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि जब लूडो खेलते हुए बोली लगाई जाती है तो वह बिना खेल छोड़े जुए का रूप ले लेती है। इस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया और सुनवाई 22 जून तक के लिए स्थगित कर दी।