MPPSC Exam 2020 मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (MPPSC) की सबसे बड़ी परीक्षा में सफल होने के लिए अब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के विचारों को भी पढ़ना होगा। ‘राज्यसेवा परीक्षा’ (State Civil Service Exam) के लिए पीएससी (MPPSC) द्वारा जारी संशोधित पाठ्यक्रम में पं. नेहरू को शामिल किया गया है। उन्हें दार्शनिक और विचारकों की सूची में राज्यसेवा के पाठ्यक्रम (State Civil Service Exam syllabus) में जगह दी गई है। संशोधित पाठ्यक्रम राज्यसेवा परीक्षा-2020 से लागू होगा।
नए साल के साथ ही पीएससी ने पाठ्यक्रम में संशोधन की घोषणा की है। राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा के साथ मुख्य परीक्षा के लिए भी नया पाठ्यक्रम घोषित किया है। नए सिलेबस में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के पर्चों की संख्या और परीक्षा योजना में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया। पीएससी मेंस में पहले की तरह कुल छह पेपर ही होंगे। इनमें से चार पर्चे सामान्य अध्ययन के होंगे जिनके पाठ्यक्रम को पुनः निर्धारित किया गया है। पहले पर्चे में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।
सामान्य अध्ययन के दूसरे पेपर में संविधान, शासन व्यवस्था व राजनैतिक प्रशासन के साथ ही अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र और मानव संसाधन विकास को जोड़ा गया है। इसी पेपर की चौथी इकाई भारतीय राजनीतिक विचारकों की रखी गई है। इसमें विचारकों के रूप में कुल आठ लोगों को शामिल किया गया है। इनमें कौटिल्य, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. आंबेडकर, राममनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण (जेपी) और दीनदयाल उपाध्याय के साथ पंडित नेहरू हैं।
अंकों का विभाजन भी बदला
अब तक राज्यसेवा मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में कौटिल्य से लेकर गांधी, बुद्ध और शंकराचार्य जैसे 20 विचारकों, दार्शनिकों व समाज सुधारकों के नाम शामिल थे, लेकिन नेहरू को जगह नहीं दी गई थी। असल में बीते वर्षों में पं. नेहरू को सिलेबस से बाहर कर दिया गया था। राज्यसेवा की तैयारी करवा रहे प्रदीप श्रीवास्तव ने बदलाव को बेहतर बताया है। लोक प्रशासन को भी पाठ्यक्रम में खासी जगह दी गई है। कानून वाला हिस्सा हटाया भी गया है। खास बात ये है कि पं. नेहरू को शामिल करने के साथ दीनदयाल उपाध्याय को भी बरकरार रखा गया है। प्रश्न पत्रों में प्रश्नों के अंक का विभाजन और शब्द सीमा भी बदली गई है।
सिलेबस अपडेट किया
हमने सिलेबस को बेहतर और भविष्य के अधिकारियों की आवश्यकता के हिसाब से अपडेट किया है। यह विद्यार्थियों के लिए भी सुविधाजनक होगा। -रेणु पंत, सचिव, पीएससी