हिंदू मंदिरों में आपने अक्सर देखे होंगे कछुए, क्या आप जानते है इसके पीछे की खास वजह?

हिंदू मंदिरों में आमतौर पर प्रवेश द्वार के पास एक कछुए का प्रतीक या संगमरमर का कछुआ होता है। कुछ मंदिरों में जीवित कछुआ रखा हुआ देखा जाता है। इसके पीछे एक आध्यात्मिक दर्शन है।

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हिंदू मंदिरों में आपने अक्सर देखे होंगे कछुए, क्या आप जानते है इसके पीछे की खास वजह?

World Turtle Day 2023 : हिंदू मंदिरों में आम तौर पर प्रवेश द्वार के पास कछुए का प्रतीक या संगमरमर का कछुआ होता है। कुछ मंदिरों में जीवित कछुआ रखा हुआ देखा जाता है। इसके पीछे एक आध्यात्मिक दर्शन है।

मंदिर के प्रवेश द्वार के पास कछुआ क्यों होता है?

हिन्दू दर्शन के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में दूसरा अवतार कूर्मावतार का था। ऐसा कहा जाता है कि डूबती हुई पृथ्वी को विष्णु ने अपनी पीठ पर कछुए के रूप में धारण किया था। कछुआ शांति के साथ-साथ लंबी उम्र का भी प्रतीक है। 

जिस प्रकार कछुआ अपने सभी अंगों को अन्दर ले जाकर बाह्य वस्तुओं से अपनी रक्षा करता है, उसी प्रकार कहा गया है कि मनुष्य को चाहिए कि वह काम, क्रोध, मोह, ईर्ष्या और लोभ के दोषों को त्याग कर उनसे अपनी रक्षा करे और फिर उनके देवता के दर्शन करे।

यदा संहरते चायं कूर्मोऽङ्गानीव सर्वशः।
इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता।।2.58।।

श्रीमद्भगवद्गीता के दूसरे अध्याय में श्रीकृष्ण कहते हैं,

जिस प्रकार एक कछुआ अपनी इंद्रियों को भीतर खींचकर स्वयं को बाहरी दुनिया से अलग कर लेता है, उसी प्रकार ज्ञान प्राप्त करने के लिए मनुष्य को अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करना चाहिए।

कछुआ शांत रहता है। धीरे-धीरे सांस लेता है इसलिए अधिक समय तक जीवित रहता है। कछुए की आंखें तेज होती हैं। यह जमीन और पानी दोनों में रह सकता है। कछुओं में कम खाने से ज्यादा जीने की ताकत होती है। कछुए के ये गुण मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं। योग शास्त्र में मन की शांति के लिए कुर्मासन का विधान किया गया है।

वास्तु शास्त्र में कछुए का महत्व

वास्तु शास्त्र में घर में जिंदा कछुआ रखने को कहा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार कछुआ समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए माना जाता है कि घर में कछुआ रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। 

हालांकि, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कछुए को घर में रखते समय चोट न लगे। साथ ही क्रोधी व्यक्तियों को कछुए के चिन्ह वाली अंगूठी पहनने को कहा जाता है। कारण यह है कि उन्हें कछुए की तरह शांत रहना चाहिए।

कछुआ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसलिए, मंदिर में प्रवेश करते समय, व्यक्ति पहले कछुए के दर्शन करता है और उसे प्रणाम करता है, और फिर देवता के दर्शन करता है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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