देश में चीन से आयात होने वाले Chinese खिलौनों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है. जो पहले 20 फीसदी थी, उसे अब 60 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में चीन से आने वाले खिलौने अब महंगे हो जाएंगे. chinese खिलौनों की महंगाई को देखते हुए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया आगे आई है.
ग्रेटर नोएडा: भारत और चीन के बिगड़ते संबंधों के बाद चीन से कम से कम आयात करने के लिए देश की नीतियां तैयार हो रही हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चीन के सबसे मुनाफे के सौदे पर चोट की है. योगी सरकार अब chinese खिलौनों को कॉम्पटीशन देने के लिए प्रदेश के अंदर टॉय हब तैयार करने जा रही है. इससे रोजगार के अवसर तो बढ़ेंगे ही, चीन के खिलौनों को भी मार्केट से रिप्लेस करना आसान हो जाएगा.
टॉय एसोसिएशन ने मांगी यमुना प्राधिकरण से जमीन
देश में चीन से आयात होने वाले Chinese खिलौनों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई है. जो पहले 20 फीसदी थी, उसे अब 60 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में चीन से आने वाले खिलौने अब महंगे हो जाएंगे. chinese खिलौनों की महंगाई को देखते हुए टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया आगे आई है. इस एसोसिएशन ने यमुना प्राधिकरण के अफसरों से मुलाकात की और बताया कि टॉय सिटी बसाना समय की मांग है. इसके लिए उन्होंने 50 एकड़ जमीन की मांग भी की है.
यमुना प्राधिकरण ने जमीन के लिए मंजूरी दी
एसोसिएशन के प्रतिनिधि पहले भी प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन से इस बारे में मुलाकात कर चुके हैं. आखिरकार प्राधिकरण ने अब जाकर जमीन देने के सहमति दे दी है. यमुना प्राधिकरण टॉय सिटी के लिए 100 एकड़ की जमीन को मंजूरी दे रहा है. जिसमें से 50 एकड़ में टॉय सिटी को बसाया जाएगा, जबकि 50 एकड़ को रिजर्व में रखा जाएगा. यमुना प्राधिकरण की टॉय सिटी में 80 यूनिट लगेंगी. भारत में करीब 80 फ़ीसदी खिलौनों का आयात चीन से हो रहा है, ऐसे में उम्मीद है कि टॉय सिटी से इंडियन टॉय इंडस्ट्री को फायदा जरूर मिलेगा.
50 एकड़ में बसने वाली इस सिटी में करीब 80 यूनिट लगेंगी. इसके बाद 50 एकड़ और जमीन रखी रिज़र्व जाएगी ताकि और लोगों को भी यहां औद्योगिक इकाई लगाने में आसानी हो. इससे यहां पर 600 करोड़ रुपये इंवेस्टमेंट किया जाएगा. प्राधिकरण ने सेक्टर-32 और 33 में जमीन देने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि इस टॉय सिटी से 15 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा.