बिहार के बेतिया जिले के मझौलिया के धोकराहा गांव से एक बेहद अनोखी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना में एक महिला, किशोरी देवी, को देर रात काले नाग ने डस लिया। सांप के डसने की यह घटना तब हुई जब महिला अपने घर में सो रही थी। सांप ने उसे दो अलग-अलग जगहों पर डस लिया, जिससे उसकी हालत गंभीर होती चली गई।
अस्पताल में हड़कंप: सांप के साथ पहुंचे परिजन
महिला की बिगड़ती हालत को देखकर उसके परिजन तुरंत उसे जीएमसीएच अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल पहुंचने पर वहां का माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया, जब परिजन अपने साथ एक काले कोबरा सांप को लेकर आए। सांप को देखकर मरीज, उनके रिश्तेदार और डॉक्टर सभी घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे। परिजनों ने सांप को एक डिब्बे में बंद करके रखा था और उसे दिखाने के लिए अस्पताल लाए थे ताकि डॉक्टर सही उपचार कर सकें।
वन विभाग की टीम की सहायता से सांप का सुरक्षित स्थानांतरण
सांप को देखकर अस्पताल में हड़कंप मच गया और वहां के कर्मचारी तुरंत वन विभाग की टीम को बुलाया गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर सांप को अपने कब्जे में लिया और उसे सुरक्षित स्थान पर ले गए। इस चतुराईपूर्ण कदम से डॉक्टरों को जहर के प्रकार की सही पहचान करने और महिला के लिए सबसे प्रभावी उपचार देने में मदद मिली।
पति देवशरण की साहसिकता: रात में सांप से सामना
महिला के पति देवशरण ने बताया कि रात में सोते समय सांप ने उसकी पत्नी को दो जगह डंस लिया। इस घटना के बाद उन्होंने तुरंत साहसिक कदम उठाया और घर में छिपे सांप को पकड़ लिया। देवशरण का कहना है कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि डॉक्टर यह देख सकें कि वही सांप है जिसने उनकी पत्नी को काटा है और उसके अनुसार उपचार कर सकें।
सांप को पकड़ने की प्रक्रिया: एक जोखिम भरा कदम
सांप को पकड़ने की प्रक्रिया बेहद जोखिम भरी थी। देवशरण और उनके परिवार ने काले कोबरा को सावधानीपूर्वक पकड़कर एक डिब्बे में बंद कर दिया। इस प्रक्रिया में उनके सामने कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन उन्होंने अपने साहस और धैर्य से इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
जीएमसीएच अस्पताल में इलाज की प्रक्रिया
महिला को जीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टरों ने उसे तुरंत उपचार देना शुरू किया। सांप का प्रकार और उसके जहर की पहचान करने के लिए डॉक्टरों ने वन विभाग की टीम की सहायता ली। इस प्रक्रिया में डॉक्टरों को काफी मदद मिली और उन्होंने सही उपचार प्रदान किया।
परिजनों की सतर्कता: समय पर अस्पताल पहुंचाना
इस घटना में परिजनों की सतर्कता और समय पर कार्रवाई ने महिला की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिजनों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया और साथ ही सांप को भी साथ लाए, जिससे डॉक्टरों को सही उपचार देने में मदद मिली।
घटना का निष्कर्ष: साहस, धैर्य और सतर्कता का मिश्रण
इस घटना का निष्कर्ष यही है कि कठिन समय में साहस, धैर्य और सतर्कता का मिश्रण किसी की जान बचाने में कितना महत्वपूर्ण होता है। देवशरण और उनके परिवार ने अपनी सूझ-बूझ और साहस से इस कठिन स्थिति का सामना किया और महिला को सही उपचार दिलाने में सफल रहे।