Saturday, April 20, 2024
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मतदाता अपने मोबाइल से डाल सकेंगे अपना वोट, चुनाव आयोग ई-वोटिंग पर कर रहा है विचार

यदि आप उस राज्य में रह रहे हैं जहां के आप पंजीकृत मतदाता नहीं है तो आपको मतदान के दिन निराश नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि चुनाव आयोग ऐसे मतदाताओं को ई-वोटिंग के जरिये मताधिकार प्रयोग की सुविधा देने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। आयोग की इस भावी पहल से मतदान प्रतिशत बढ़ाने और चुनाव संपन्न कराने के खर्च में कमी आने के भी आसार हैं।

आयोग इसके लिए ई-वोटिंग के जरिए दूरस्थ मतदान (रिमोट वोटिंग) की सुविधा मुहैया कराने के विकल्पों को विकसित कर रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने हाल ही में इस व्यवस्था के बारे में खुलासा किया था कि आईआईटी चेन्नई के सहयोग से विकसित की जा रही मतदान की इस पद्धति के तहत किसी भी राज्य में पंजीकृत मतदाता किसी अन्य राज्य से मतदान कर सकेगा। 

एक अनुमान के मुताबिक, देश में लगभग 45 करोड़ प्रवासी लोग हैं जो रोजगार आदि के कारण अपने मूल निवास स्थान से अन्यत्र निवास करते हैं। इनमें से कई मतदाता विभिन्न विवशताओं के कारण मतदान वाले दिन अपने उस चुनाव चुनाव क्षेत्र में नहीं पहुंच पाते हैं जहां के वे पंजीकृत मतदाता हैं। 

इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि दूरस्थ मतदान का प्रयोग ई-वोटिंग के रूप में सबसे पहले 2010 में गुजरात के स्थानीय निकाय चुनाव में किया गया था। इसमें राज्य के प्रत्येक स्थानीय निकाय के एक एक वार्ड में ई-वोटिंग का विकल्प मतदाताओं को दिया गया था। 

गुजरात में हुई थी ई-वोटिंग
इसके बाद 2015 में गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग ने अहमदाबाद और सूरत सहित छह स्थानीय निकायों के चुनाव में मतदाताओं को ई-वोटिंग की सुविधा से जोड़ा था। हालांकि व्यापक प्रचार न हो पाने के कारण इस चुनाव में 95.9 लाख पंजीकृत मतदाताओं में से सिर्फ 809 मतदाताओं ने ही ई-वोटिंग का इस्तेमाल किया था।

देशव्यापी स्तर पर ई-वोटिंग को लागू करने के लिये पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के कार्यकाल में मतदाता पहचान पत्र को ‘आधार’ से जोड़कर सीडेक के सहयोग से ई-वोटिंग सॉफ्टवेयर विकसित करने की परियोजना को आगे बढ़ाया था। 

‘वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने की मिली मंजूरी’
इस परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से लिंक करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के कारण यह परियोजना लंबित थी, लेकिन हाल ही में कोर्ट ने आधार संबंधी पूर्वनिर्धारित दिशानिर्देशों के तहत इसे मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने की मंजूरी दे दी है।

उन्होंने बताया कि लगभग 31 करोड़ मतदाता पहचान पत्र को आधार से पहले ही लिंक किया जा चुका है। देश में फिलहाल पंजीकृत कुल 91.12 करोड़ मतदाताओं में अब लगभग 61 करोड़ मतदाताओं के मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ना बाकी है। 

गुजरात मॉडल के तहत ई-वोटिंग के लिये मतदाता को आयोग की वेबसाइट पर ई वोटर के रूप में खुद को पंजीकृत करने का विकल्प दिया गया था। ऑनलाइन पंजीकरण आवेदन में दिये गये तथ्यों की जांच में पुष्टि के बाद पंजीकृत मतदाता को एसएमएस और ईमेल के जरिए एक पासवर्ड मिलता था। मतदान के दिन निश्चित अवधि में मतदाता को पासवर्ड की मदद से ई बैलेट पेपर भरकर ऑनलाइन मतदान करने का विकल्प दिया गया था।

भारत में झारखंड और दिल्ली विधानसभा चुनाव में ई-वोटिंग की सुविधा सर्विस वोटर को इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्र के रूप में मुहैया करायी गयी है। गत आठ फरवरी को हुये दिल्ली विधानसभा चुनाव में 80 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं, दिव्यांग और रेल, चिकित्सा एवं अन्य आपात सेवा कर्मियों को डाक मतपत्र के जरिये घर से ही मतदान की सुविधा देने की शुरुआत हुई है।

सूत्रों के अनुसार आगामी 18 फरवरी को चुनाव आयोग और कानून मंत्रालय के आला अधिकारियों की प्रस्तावित बैठक में इन पहलुओं पर विचार हो सकता है। 

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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