केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले : सशस्त्र बलों के उप प्रमुखों को मिली ज्‍यादा वित्तीय शक्तियां, मॉरिशस के साथ आर्थिक समझौते पर भी मुहर

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खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
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नई दिल्‍ली। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए परियोजनाओं के तेजी से कार्यान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बड़े फैसले पर मुहर लगाई। मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूंजीगत खरीद परियोजनाओं के लिए सशस्त्र बलों के उपप्रमुखों और कमांड प्रमुखों को 200 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करने के वित्तीय अधिकार प्रदान कर दिए। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने बुधवार को मॉरिशस के साथ कंप्रेहेंसिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड पार्टनरशिप एग्रीमेंट (सीईसीपीए) के लिए भी अपनी मंजूरी दी।

भारत से निर्यात को मिलेगा प्रोत्साहन 

दोनों देशों की आपसी सहमति से तारीख निर्धारित कर जल्द ही इस समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। मॉरिशस के साथ सीईसीपीए होने से भारत से 310 उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। इनमें कृषि व खाद्य उत्पादों के साथ-साथ टेक्सटाइल, प्लास्टिक, केमिकल के उत्पाद शामिल हैं। मॉरिशस में सेवा क्षेत्र के लिए भी मौके खुलेंगे। 11 प्रकार के सेवा क्षेत्र में भारत के प्रोफेशनल्स मॉरिशस में अपनी सेवा दे सकेंगे। इन क्षेत्रों में मुख्य रूप से दूरसंचार, निर्माण, शिक्षा, पर्यावरण, वित्त, पर्यटन, योग व यातायात जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

मजबूत होंगे भारत मॉरिशस के संबंध

दोनों देशों के बीच सीईसीपीए से मॉरिशस को भारत में अपने कई उत्पादों को भेजने में सहूलियत होगी। इनमें बिस्कुट, ताजा फल, जूस, मिनरल वाटर, बीयर, शराब, साबुन, बैग शामिल हैं। सीईसीपीए के तहत उत्पादों के निर्माण के मूल स्थान को भी जोड़ा गया है। मतलब मॉरिशस में बने उत्पादों को ही भारत में भेजे जाने पर उन्हें शुल्क में रियायत का लाभ मिलेगा। मॉरिशस के रास्ते आने वाले किसी और देश के उत्पाद इस दायरे में नहीं आएंगे। विकास के मामले में मॉरिशस और भारत की पुरानी सहभागिता रही है। भारत ने 2016 में मॉरिशस को विशेष इकोनॉमिक पैकेज दिया था।

विनिर्माण उद्योगों का मजबूत गढ़ बनेगा भारत 

मंत्रिमंडल ने दूरसंचार के उपकरणों के निर्माण के लिए भी एक बड़े फैसले पर मुहर लगाई। मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरणों के निर्माण के लिए 12,195 करोड़ रुपए की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (production-linked incentive, PLI) को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि सरकार विनिर्माण के लिए देश को विनिर्माण उद्योगों का एक मजबूत गढ़ बनाने की दिशा में काम कर रही है।

दूरसंचार उपकरणों के निर्माण में बनेंगे आत्‍मनिर्भर 

उम्मीद है कि उक्‍त फैसले से 5जी की शुरुआत से पहले दूरसंचार उपकरणों के निर्माण में देश एक मजबूत केंद्र के तौर पर उभरने में मदद मिलेगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई योजना एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इससे अगले पांच साल में करीब 2.4 लाख करोड़ रुपए का और अधिक उत्पादन होगा साथ ही देश से करीब दो लाख करोड़ रुपए का निर्यात होने की उम्‍मीद है।

पैदा होंगे रोजगार के अवसर

यही नहीं पीएलआई योजना से देश में तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आने का अनुमान है। साथ ही देश में रोजगार के अवसर पैदा होने में भी मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जल्द ही सरकार लैपटॉप और टैबलेट पीसी के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए जल्‍द पीएलआई योजना लाएगी। योजना से अगले पांच वर्षों में देश में 2,44,200 करोड़ रुपए के दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन होगा। साथ ही 50 हजार करोड़ रुपए से ज्‍यादा के दूरसंचार उपकरणों के आयात की जरूरत भी खत्‍म हो जाएगी। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में आत्‍मनिर्भर भारत को काफी मजबूती मिलने वाली है।

सैन्य बलों के उपप्रमुखों को मिली वित्‍तीय ताकत 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूंजीगत खरीद के लिए सैन्य बलों के उपप्रमुखों और कमान प्रमुखों को और अधिक अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक अब संबंधित सैन्‍य अधिकारी 200 करोड़ रुपए तक की परियोजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, ये वित्तीय अधिकार ‘अन्य पूंजीगत खरीद प्रक्रिया’ वर्ग के तहत परियोजनाओं के लिए प्रदान किए गए हैं। ये अधिकार सेना उपप्रमुख, एयर आफिसर मेंटीनेंस और डिप्टी चीफ आफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के साथ साथ एडीशनल डायरेक्टर जनरल आफ इंडियन कोस्ट गार्ड को प्रदान किए गए हैं।

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