चुनावी अवधि के दौरान चुनावी बांड बेचना है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट करेगा तय

By SHUBHAM SHARMA

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नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड की मांग की जा रही थी कि चुनावों में न बेचा जाए। शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई है और शीर्ष अदालत 24 मार्च को याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा दायर की गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट में एडीआर के लिए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण पेश हुए। याचिका में कहा गया है कि केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और पडुचेरी में चुनावी बांड की बिक्री राजनीतिक दलों के लिए अवैध रूप से धन जुटाने के लिए एक प्रोत्साहन होगी। 

इलेक्टोरल बॉन्ड का नया सेट 1 अप्रैल को बिक्री के लिए जाएगा। इसलिए, प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत से याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करने को कहा। शीर्ष अदालत का गठन अब किया गया है और याचिका पर 24 तारीख को सुनवाई होगी। 

चुनावी चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए मोदी सरकार द्वारा जनवरी 2018 में चुनावी बांड पेश किए गए थे । ये चुनावी बांड जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के चार महीनों में वर्ष में चार बार जारी किए जाते हैं। केंद्र सरकार ने दावा किया था कि चुनाव में काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा। लेकिन इसको लेकर कई संदेह अभी भी उठ रहे हैं। 

केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने पिछले साल दिसंबर में स्पष्ट किया था कि चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को भुगतान करने वाले लोगों की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। केंद्रीय सूचना आयोग के पास एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को भुगतान करने वालों के नाम और कितना है।

इससे पहले, केंद्रीय सूचना आयोग ने स्पष्ट किया था कि ऐसी जानकारी सार्वजनिक हित में नहीं थी। इसलिए, यह सवाल जवाबदेही का सवाल खड़ा करता है और किन राजनीतिक दलों को कितनी फंडिंग मिलती है। 

यह जानकारी गोपनीय है

सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा ने बताया कि इससे पहले, इसलिए निजी प्राधिकरण को ठोस जनता है कि पैसे के बीच और उस पैसे को ले लें जिसमें सार्वजनिक हित याचिका नहीं देखी गई थी। इसलिए, इन दोनों के निजी अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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