सिस्टर अभया हत्याकांड: हत्या के 16 साल बाद आरोपी महिला का वर्जिनिटी टेस्ट! जाने आख़िर मामला क्या है?

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सिस्टर अभया हत्याकांड: हत्या के 16 साल बाद आरोपी महिला का वर्जिनिटी टेस्ट! जाने आख़िर मामला क्या है?

दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई को फटकार लगाई है. 1992 में हुए एक मामले में सच्चाई का पता लगाने के नाम पर सीबीआई ने 16 साल बाद एक महिला आरोपी का वर्जिनिटी टेस्ट किया. इस मामले में आरोपी महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिला आरोपी का वर्जिनिटी टेस्ट असंवैधानिक और अमानवीय था. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन है.

1992 में सिस्टर अभया की हत्या के मामले को सुलझाने के लिए सीबीआई लंबे समय से जांच कर रही है. इस जांच के तहत सीबीआई ने 2008 में आरोपी सिस्टर सेफी का वर्जिनिटी टेस्ट किया, यानी अपराध होने के लगभग 16 साल बाद.  इस मामले में आरोपी महिला ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई।

सिस्टर अभया हत्याकांड में क्या हुआ?

मार्च 1992 में, सिस्टर अभया को केरल के कोट्टायम में सेंट पायस एक्स कॉन्वेंट में एक पानी की टंकी में मृत पाया गया था. प्रारंभिक जांच में पुलिस ने इसे मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या का मामला पाया है. हालाँकि, स्थानीय दबाव के कारण, मामला 1993 में CBI को स्थानांतरित कर दिया गया था.

सीबीआई की पहली टीम द्वारा की गई जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी. इसके बाद एक बार फिर जांच के लिए सीबीआई की एक और टीम नियुक्त की गई. टीम ने कहा कि यह एक हत्या थी, लेकिन कहा कि इसके लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे.

कोर्ट ने सीबीआई को और गहन जांच करने का आदेश दिया. 2005 में सीबीआई ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश की. हालांकि, कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया. 2008 में सीबीआई ने चार बार केस फाइल बंद करने की अनुमति मांगी. हालांकि, अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया और मामले को केरल सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया. इस नई टीम ने सिस्टर अभया की हत्या के आरोप में सिस्टर सेफी और उसके पिता को गिरफ्तार किया.

28 साल बाद सजा!

2020 में, अपराध के लगभग 28 साल बाद, सिस्टर सेफी और उनके पिता थॉमस कोट्टूर को दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि, 2009 में सिस्टर सेफी ने सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका दायर की थी.

इसमें जांच के तहत सीबीआई ने दावा किया था कि उसकी सहमति के बिना जबरन उसका वर्जिनिटी टेस्ट कराया गया था. सेफी ने याचिका में कहा कि सीबीआई इस दावे को साबित करने की कोशिश कर रही है कि सिस्टर सेफी के कॉन्वेंट में दो फादर के साथ यौन संबंध थे. स्टेफी ने यह भी दावा किया कि परीक्षण का हत्या के मामले से कोई लेना-देना नहीं था और केवल उसे अपमानित करने के लिए किया गया था.

दिल्ली कोर्ट ने क्या कहा?

इस बीच मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई पर बोलते हुए कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई. “महिला कैदियों, अभियुक्तों या हिरासत में ली गई महिलाओं के कौमार्य का परीक्षण करना असंवैधानिक है. यह संविधान के अनुच्छेद 21 का सीधा उल्लंघन है. इसलिए, यह सम्मान के साथ जीने के मानवाधिकारों का उल्लंघन है”, अदालत ने इस समय कहा.

“जेल में आत्मसम्मान एक महिला अभियुक्त के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. महिला पुलिस हिरासत में है या न्यायिक हिरासत में. इस तरह उसके वर्जिनिटी टेस्ट करना न केवल उसकी शारीरिक स्वतंत्रता में जांच एजेंसियों का हस्तक्षेप है, बल्कि यह उसकी मानसिक स्वतंत्रता का भी उल्लंघन है”, अदालत ने इस समय समझाया।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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