इस फ़्राइडे कर्मवीर एपिसोड के लिये समाजसेविका सिंधुताई सपकाल ( Sindhutai Sapkal ) केबीसी के सेट पर पहुंची. शो में सिंधुताई अपनी बेटी ममता के साथ पहुंची थी. बिग बी ने सिंधुताई के पैर छू कर शो में उनका स्वागत किया. महानायक अमिताभ बच्चन ने उन्हें हज़ारों लोगों की सास-मां और दादी-नानी बताकर शो में उनका परिचय दिया. वहीं सिंधुताई ने भी शायरी के ज़रिये अपनी भावनाएं व्यक्त कर शो की शुरूआत की.
बिग बी ने जब उनसे पूछा कि आप हज़ारों बेसहारा लोगों की मां कैसे बनी? तो इसके जवाब में उन्होंने अपनी पूरी कहानी बयां करते हुए बताया कि जब उन्होंने बेटी ममता को जन्म दिया, तो ससुराल वालों ने उन्हें घर से बेघर कर दिया. हालात ऐसे कि वो अब रहने के लिये अपने मायके भी नहीं जा सकती थी. इसलिये उन्होंने ज़िंदगी गुज़ारने के लिये बिना टिकट रेलवे में सफ़र करना शुरू किया. इस दौरान गाना गाकर वो अपना पेट भरने लगी.
सिंधुताई के पास रहने के लिये कोई घर नहीं था, इसलिये वो दिन में प्लेटफ़ॉर्म पर बैठ कर भिखारियों के साथ खाना शेयर करती. अब बात दिन तक ठीक थी, पर महिला होने के नाते वो रात में अकेले आदमियों के बीच स्टेशन पर नहीं रह सकती थी. इसलिये रातभर के लिये वो शमशान घाट पर चली जाती थी. ताकि, किसी तरह वो मर्दों की बुरी नज़र से बच सकें.
सिंधुताई ने बताया कि जब उन्हें भूख लगी, तो उन्हें दूसरों की भूख समझ आई. सिंधुताई का ये संघर्ष 20 साल की उम्र में शुरू हो गया था, जब वो अपनी 10 दिन की बेटी के साथ-साथ दर-दर भटक रही थीं. केबीसी के सेट पर बेसहारा लोगों की इस मां की कहानी सुनने के बाद सभी लोग भावुक हो गये. बिग बी ने इस दौरान ये भी कहा कि एक मां सबकी जगह ले सकती है, पर एक मां की जगह सिर्फ़ एक मां ही ले सकती है.
यही नहीं, सिंधुताई जब-जब कहीं भाषण देने जाती, तो उसके बदले बच्चों के लिये राशन लेकर आती. इस तरह से वो धीरे-धीरे कई अनाथों की मसीहा बन गईं. सिंधुताई को उनके अनेक सराहनीय कार्यों के लिये कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.
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