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Shivratri Whatsapp Status Download For Facebook Instagram Reels : महाशिवरात्रि शुभकामना सन्देश

By SHUBHAM SHARMA

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Shivratri Whatsapp Status Download For Facebook Instagram Reels : महाशिवरात्रि शुभकामना सन्देश :- Mahashivratri Whatsapp Facebook Instagram Status , Top Latest Happy Mahashivratri Whatsapp Status महाशिवरात्रि के स्टेटस : Happy Mahashivratri .

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Latest/New Shivratri Whatsapp Status

Special Maha Shivratri Status 2021: इस वर्ष, 2021 में, महाशिवरात्रि 11 मार्च को है। अगर आप महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व की बधाई देने के लिए बेस्ट हैप्पी महाशिवरात्रि स्टेटस (Best Maha Shivratri Status) ओम नमः शिवाय स्टेटस शिव शंकर स्टेटस की खोज कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि हमने इस साल के टॉप लेटेस्ट महाशिवरात्रि व्हाट्सएप स्टेटस (Top Latest Shivratri Status 2021) को कलेक्ट किया है और इस पेज में उपलब्ध कराया है

अगर आप किसी खास व्यक्ति को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो आप यहां दिए गए स्टेटस में से अपने पसंदीदा महाशिवरात्रि स्टेटस वीडियो (MahaShivratri Status For Whatsapp Facebook Instagram) फॉर फेसबुक व्हाट्सएप डाउनलोड कर (Download) सकते हैं और उन्हें भेज सकते हैं। इस वर्ष की महाशिवरात्रि नई स्थिति को डाउनलोड करने के लिए, कृपया इस पृष्ठ को अंत तक देखें।

यह भी पढ़ें : महाशिवरात्रि : महाशिवरात्रि कब है ? महाशिव रात्रि व्रत विधान | महाशिवरात्रि व्रत कथा |Maha Shivaratri

Maha shivratri Whatsapp Staus 2021

महाशिव रात्रि व्रत विधान | shivratri vrat vidhan

Shivratri vrat vidhan विधान :- त्रयोदशी को एक बार भोजन करके चतुर्दशी को दिन भर निराहार रहना पड़ता है। पत्र पुष्प तथा सुंदर वस्त्रों से मंडप तैयार करके वेदी पर कलश की स्थापना करके गौरी शंकर की स्वर्ण मूर्ति तथा नंदी की चांदी की मूर्ति रखनी चाहिए।

कलश को जल से भरकर रोली, मोली, चावल, पान, सपारी लौंग, इलायची, चंदन, दूध, घी, शहद, कमलगट्टा, धतूरा, बेल पत्र आदि का प्रसाद शिव को अर्पित करके पूजा करनी चाहिए।

रात को जागरण करके चार बार शिव आरती का विधान आवश्यक है। दूसरे दिन प्रात: जौ, तिल, खीर तथा बेलपत्र का हवन करके ब्राह्मणों को भोजन करवाकर व्रत का पारण करना चाहिए। भगवान शंकर पर चढ़ाए गए नैवेद्य को खाना निषिद्ध है। जो इस नैवेद्य का भक्षण कर लेता है, वह नरक को प्राप्त होता है।

इस कष्ट के निवारण के लिए शिव की मूर्ति के पास शालिग्राम की मूर्ति रखते हैं। यदि शिव की प्रतिमा के पास शालिग्राम की मूर्ति होगी तो नैवेद्य खाने पर कोई दोष नहीं लगता।

महाशिवरात्रि व्रत कथा | maha shivaratri vrat katha

maha shivaratri कथा :- एक गांव में एक शिकारी रहता था। वह शिकार करके अपने परिवार का पालन करता था। एक बार उस परसाहूकार का ऋण हो गया। ऋण न चुकाने पर सेठ ने उसे शिव मंदिर में बंदी बना लिया।

उस दिन शिवरात्रि ( shivratri ) थी। वह शिव संबंधी बातें ध्यानपूर्वक देखता एवं सुनता रहा। संध्या होने पर सेठ ने उसे अपने पास बुलाया। शिकारी अगले दिन ऋण चुकाने का वायदा कर सेठ की कैद से छूट गया और वन में एक तालाब के किनारे बेल-वृक्ष पर शिकार करने के लिए मचान बनाने लगा।यह भी पढ़े :  फारूक अब्दुल्ला बोले- मेरी दिली ख्वाहिश है कि कश्मीरी पंडितों की सम्मान सहित घाटी वापसी हो

उस वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थित था। वृक्ष के पत्ते मकान बनाते समय शिवलिंग पर गिरे। इस प्रकार दिनभर भूखे रहने से शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए। एक पहर व्यतीत होने पर एक गर्भिणी हिरणी तालाब पर पानी पीने निकली। शिकारी ने उसे देखकर धनुष बाण उठा लिया।

वह हिरणी कातर स्वर में बोली, “मैं गर्भवती हूं। मेरा प्रसव काल समीप ही है। मैं बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे सामने उपस्थित हो जाऊंगी।” शिकारी ने उसे छोड़ दिया।यह भी पढ़े :  कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने की रणनीति को तैयार करने में जुटी मोदी सरकार

कुछ देर बाद एक दूसरी हिरणी उधर से निकली। शिकारी ने फिर धनुष पर बाण चढ़ाया। हिरणी ने निवेदन किया, “हे व्याघ्र महोदय! मैं थोड़ी देर पहले ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं।

अपने पति से मिलान करने पर शीघ्र तुम्हारे समक्ष। प्रस्तुत हो जाऊंगी।” शिकारी ने उसे भी छोड़ दिया। रात्रि के अंतिम पहर में एक मुर्गी अपने बच्चों के साथ उधर से निकली।

maha shivratri 2021

शिकारी ने शिकार हेतु धनुष पर बाण चढ़ाया। वह तीर मारने ही वाला था कि वह मृगी बोली,”मैं इन बच्चों को इनके पिता के पास छोड़ आऊं, तब मुझे मार डालना ।

मैं बच्चों के नाम पर आपसे दया की भीख मांगती हूं।” शिकारी को इस पर भी दया। आई और उसने उसे भी छोड़ दिया। पौ फटने को हुई तो एक स्वस्थ हिरन आता दिखाई दिया।

शिकारी उसका शिकार के लिए उद्यत हो गया। हिरण बोला, “व्याघ्र महोदय यदि तुमने इससे पहले तीन मुर्गियां तथा उनके बच्चों को मार दिया हो, तो मुझे भी मार दीजिए ताकि मुझे उनका वियोग न सहना पडे।

मैं उन तीनों का पति हूं। यदि तुमने उन्हें जीवन दान दीया हो तो मुझ पर भी कुछ समय के लिए कृपा करें। मैं उनसे मिलकर तुम्हारे सामने आत्मसमर्पण कर दूंगा।” मृग की बात सुनकर रात की समस्त घटनाएं एक-एक कर उसके दिमाग में घूम गई।

उसने मृग को सारी बातें बता दी। उपवास, रात्रि जागरण तथा शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से उसमें भगवद् भक्ति का जागरण हो गया, अत: उसने मृग को भी छोड़ दिया।

भगवान शिव की अनुकंपा से उसका हृदय मांगलिक भावों से भर गया। अपने अतीतके कर्मों को याद करके वह पश्चाताप की अग्नि में जलने लगा।

थोड़ी देर बाद हिरण सपरिवार शिकारी के सामने उपस्थित हो गया। जंगली पशुओं की सत्यप्रियता, सात्विकता एवं सामूहिक प्रेम-भावना को देखकर उसे बडी ग्लानि हुई। उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई।

उसने हिरण परिवार को मुक्त कर दिया। देवता इस घटना को देख रहे थे। उन्होंने आकाश से उस पर पुष्प वर्षा की तथा दो पुष्पक विमान भेजकर शिकारी तथा मृग परिवार को शिवलोक (maha shivaratri ) का अधिकारी बना दिया।

SHUBHAM SHARMA

Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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