रांकपा प्रमुख शरद पवार ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) का मुख्यालय मुंबई के बजाए गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की तरफ से लिया गया यह फैसला बेहद खराब, गलत और अनुचित है। इस मामले में उन्होंने केंद्र सरकार से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
शनिवार को केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र में पवार ने कहा कि इससे न केवल देश को वित्तीय नुकसान होगा बल्कि, मुंबई की महत्ता कम होगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी साख भी गिरेगी। उन्होंने कहा कि मुंबई देश की वित्तीय राजधानी और आईएफएससी के मुख्यालय के लिए सबसे अच्छी पसंद है।
पवार ने पत्र में कहा, ‘‘सरकारी सिक्योरिटी में महाराष्ट्र के व्यापक योगदान के बावजूद आईएफएससी (मुख्यालय) को गुजरात में स्थापित करने का फैसला बेहद खराब, गलत और अनुचित है।’’
इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से राज्य की राजनीति को अलग रखकर इस मुद्दे को राष्ट्रीय महत्व का मानते हुए तार्किक और विवेकपूर्ण फैसला लेने की उम्मीद करता हूं।’’
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के 23 अप्रैल के आंकड़े के मुताबिक भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के पास 1,45,00,000 करोड़ रुपये जमा है। उन्होंने कहा कि इसमें महाराष्ट्र का हिस्सा 22.8 प्रतिशत है। इसके बाद दिल्ली का हिस्सा है जो 10 फीसदी है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात हैं जिनका योगदान क्रमशः 7.8 फीसदी, 7.2 फीसदी और 5.4 फीसदी है।
पवार ने कहा कि मुंबई में महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान और कई कंपनियों के कॉरपोरेट मुख्यालय हैं और इसके कारोबारी दुनियाभर में कई बहुराष्ट्रीय कपंनियों को आकर्षित करते हैं।
पवार ने केंद्र सरकार से आईएफएससी का मुख्यालय गुजरात में स्थापित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इसे योग्यता के आधार पर मुंबई में फिर से स्थापित करने का अनुरोध किया है