बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोरोना वायरस महासंकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए शुक्रवार को बड़े ऐलान किए। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया, इसी के साथ बाजार में नकदी संकट ना आए इसके लिए भी 50 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद की बात कही।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट के बीच बैंक सभी हालात पर नजर रखे हुए है, कदम-कदम पर फैसले लिए जा रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से जीडीपी की रफ्तार घटेगी लेकिन बाद में ये फिर तेज रफ्तार से दौड़ेगी।
आरबीआई की खास बातें:
- आरबीआई कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। रिजर्व बैंक इसकी करीब से निगरानी कर रहा है। 2020 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है।
- गवर्नर ने बाताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 4.4 फीसदी पर स्थिर है।
- रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दी गई।
- टीएलटीआरओ के जरिए आरबीआई सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपए डालेगा।
- आरबीआई ने नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपए, SIDBI को 25 हजार करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10 हजार करोड़ देने का ऐलान किया है।
- देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। हालांकि, मार्च में देश के निर्यात के हालात बेहद खराब रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब है।
- G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
- देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी है। वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है। देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं।
- भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने की उम्मीद है।
- मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई।
- लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है।
G20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रहने का अनुमान
उन्होंने कहा कि इस वक्त 150 से अधिक अधिकारी लगातार क्वारनटीन होकर भी काम कर रहे हैं और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। शक्तिकांत दास ने कहा कि IMF ने इस बात का अनुमान लगाया है कि दुनिया में सबसे बड़ी मंदी आने वाली है, जो कि खतरे की घंटी है। कई देशों में आयात और निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है। कोरोना संकट की वजह से भारत की GDP 1.9 की रफ्तार से बढ़ेगी, G20 देशों में ये सबसे बेहतर स्थिति है। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है लेकिन जब कोरोना का दौर चला जाएगा तो भारत की जीडीपी एक बार फिर 7 से अधिक की रफ्तार से बढ़ेगी।
कच्चे तेल के दाम घटने से हुआ फायदा
शक्तिकांत दास ने कहा कि इस संकट के बीच भी कृषि क्षेत्र टिकाऊ है, हमारे पास बफर स्टॉक है। उन्होंने कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश अच्छा रहने का अनुमान है, फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी बढ़त हुई थी। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घट रहे हैं, जिससे फायदा हो सकता है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है। लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपए G20 देशों में इंडिया की ग्रोथ सबसे बेहतर रहने का अनुमान
का नुकसान हो चुका है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी इकोनॉमी को बचाने के लिए एक्टिव हैं और रिजर्व बैंक भी इस मामले में पीछे नहीं है।
27 मार्च को दी थी जनता को राहत
इसके पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 75 बेसिस पाइंट की कटौती करते हुए इसे 4.4 फीसदी कर दिया। माना जा रहा है कि इस कदम से लोगों को उनकी ईएमआई में राहत मिलेगी। साथ ही कम रेट पर कर्ज भी मिलेगा। इस कदम से बैंकों को अपनी लिक्विडिटी बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही वे ज्यादा कर्ज भी दे सकेंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने कर्जधारकों के लिए तीन महीने तक ईएमआई टालने के रूप में भी राहत का ऐलान किया था।