Raksha Bandhan 2020 : देश की बहनें देंगी चीन को झटका, इतने करोड़ रुपये का होगा चीन को नुकसान

SHUBHAM SHARMA
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नई दिल्ली: चीन से चले आ रहे विवाद के बीच रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) के मौके पर भाईयों की कलाई पर बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र के जरिये बहनें चीन के व्यापार को टक्कर देने की तैयारी में हैं. कंफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) के त्यौहार को देशभर में ‘हिंदुस्तानी राखी’ के तौर पर मनाने की घोषणा की. इससे चीन को 4 हजार करोड़ रुपये का घाटा होना तय है. कंफेडेरशन के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि इस वर्ष की राखी को देश भर में स्वदेशी अपना कर मनाना है

सीएआईटी ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) पर चीन में बनी राखी और राखी से जुड़े किसी सामान का इस्‍तेमाल नहीं किया जाएगा. साथ ही वह सीमा पर तैनात भारतीय सैनिकों  के लिए 5,000 राखियां भी भेजेगा. साथ ही देश के प्रत्येक शहर में सैनिक अस्पतालों में भर्ती सैनिकों को भी महिला विंग वहां जाकर राखी बांधेगी. पुलिसकर्मियों को भी स्वदेश निर्मित राखी महिला विंग बांधेंगी.

राखी पर चार हजार करोड़ रुपया का व्यापार चीन से होता है
कंफेडरेशन का दावा है कि देशभर में 40,000 से अधिक व्यापारी संगठन और उनके 7 करोड़ सदस्य उससे जुड़े हुए हैं. चीनी वस्‍तुओं का बहिष्कार करने के लिए कंफेडरेशन ने देशभर में ‘भारतीय सामान, हमारा अभिमान’ अभियान चलाया है. कंफेडरेशन ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक हर साल लगभग 6,000 करोड़ रुपये का राखियों का कारोबार होता है. इसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी लगभग 4,000 करोड़ रुपये होती है. कंफेडरेशन की दिल्ली-एनसीआर इकाई के समन्वयक सुशील कुमार जैन ने कहा कि राखी के मौके पर देश में चीन में बनी हुई राखियां जमकर आती हैं.

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Khabar Satta:- Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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