“ प्रदूषित होती प्राणवायु ”

By SHUBHAM SHARMA

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सागर, ज्योति शर्मा :-
विकास और संसाधनों की चाह में हम मनुष्यों ने पर्यावरण को  जिस तरह नुकसान पहुंचाया है

ज्योति शर्मा

उससे आज हमारा सांस लेना भी  दुष्कर हो गया है। सांस लेना और छोड़ना हमारे जीवन की प्राणवायु प्रक्रिया होती है  इसके बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता ।  इससे हम सब भली भांति  अवगत है परंतु फिर भी हम मनुष्यों ने प्राकृतिक संसाधनों का इस कदर दोहन किया है कि प्राणवायु अब जहरीली हो  चली है और अब यह  हमारे प्राण लेने की वजह बनने लगी है।

आज पूरी दुनिया वायु प्रदूषण से बुरी तरह  से प्रभावित हो रही है  वायु प्रदूषण के मामले में भारत के शहरों की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है व वायु प्रदूषण एक बहुत बड़े खतरे का संकेत दे रहा है इसकी स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हम स्विस संगठन आइ क्यू एयर द्वारा तैयार की गई ”विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2020” शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट से लगा सकते हैं की दुनिया के 30 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से 22 शहर भारत के हैं।

दिल्ली को वैश्विक स्तर पर सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में स्थान दिया गया है । वायु प्रदूषण के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। प्रत्येक वर्ष इसी तरह के शोध अध्ययन के नतीजे हमारे सामने प्रस्तुत होते हैं जिसमें वायु गुणवत्ता के बारे में बताया जाता है। जिसमें हमारे भारत देश के शहरों की स्थिति  लगभग यही रहती है शहरों की हवा लगातार खराब हो रही है।

यह चिंता का विषय है लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि पिछले कई सालों से प्रदूषण के स्तर में जरा सा भी सुधार देखने को नहीं आया है बल्कि दिनों दिन यह हालत बिगड़ती ही जा रही है इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान आदि में हालत ज्यादा  प्रखर है । कानपुर और लखनऊ की हालत तो इतनी खराब है कि इनमें से कौन सा शहर ज्यादा प्रदूषित है यह बताने में कठिनाई होती है ।

भारत के वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में परिवहन, खाना पकाने के लिए बायोमास जलाना, बिजली उत्पादन, उद्योग, निर्माण, अपशिष्ट जलाना और पराली जलाना शामिल हैं। भारत में वायु प्रदूषण के कारणों में बड़ी वजह यही है जिससे भारत के कई राज्य वायु प्रदूषण का सामना कर रहे हैं लेकिन फिर भी राज्यों की सरकारें घोर लापरवाही बरत रही है यदि सरकारें प्राथमिकता से प्रदूषण से निपटने का काम करती तो आज ऐसी हालत नहीं होती कि लाखों लोग वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से प्रभावित  ही नहीं बल्कि यह प्रदूषण मौत का कारण भी बन रहा है

वर्ष 2020 में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगने की वजह से कई शहरों में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखने को मिली थी। लॉक डाउन की वजह से लोगों ने स्वच्छ हवा का अनुभव किया था । साथ ही वायु प्रदूषण को कम करने के उपायों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने  किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों को सख्ती बरतने को कहा गया लेकिन फिर भी पराली जलाना अभी भी जारी है।

उसी के साथ पुराने वाहनों का उपयोग, उद्योगों का शहरों के करीब होना व अन्य सभी प्रदूषण फैलाने वाले कारण बिना रोक-टोक के चल रहे हैं ऐसे में प्रदूषण  को रोकना दुष्कर कार्य है ।

वायु प्रदूषण से होने वाली मौत

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट-2020 में दुनिया भर के प्रदूषण के आंकड़े जारी किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि वायु प्रदूषण जनित बीमारियों जैसे दिल का दौरा, फेफड़े का कैंसर, फेफड़े की अन्य बीमारियों के कारण पूरी दुनिया में 2019 में करीब 67 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसमें से भारत में करीब 16.7 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने वायु प्रदूषण के कारण जनित बीमारियों के कारण अपनी जान गंवाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सारी दुनिया में वायु प्रदूषण ऐसा चौथा बड़ा कारण है, जिसके कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

इस रिपोर्ट में नवजातों की मौत के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। रिपोर्ट  के अनुसार , साल 2019 में 1.16 लाख से अधिक नवजात बच्चों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई है। मरने वाले इन सभी बच्चों ने जन्म के एक महीने के भीतर अपनी जान गंवाई है।

इस रिपोर्ट में भारत के अलावा नाईजीरिया (67900 मौत), पाकिस्तान (56,700 मौत), इथिपोया (22,900 मौत) जैसे देशों के नाम भी शामिल हैं।       

इस तरह हम वायु प्रदूषण से होने वाले खतरे को भांप सकते हैं और इसमें जन सहयोग से प्रदूषण को कम करने  के प्रयास अवश्य कर सकते हैं। साथ ही  नियम कायदों को शक्ति से लागू  किया जाए और  सभी ईमानदारी से उस पर अमल करें तो प्रदूषण को कम किया जा सकता है। यदि स्थिति में सुधार नहीं आता है तो वायु प्रदूषण से पर्यावरण को जो खतरा होगा उसका अंदाजा हम लगा भी नहीं सकते ।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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