चंडीगढ़: पीजीआई के डॉक्टरों की एक टीम ने लगभग आठ घंटे की सर्जरी के बाद पंजाब पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) के बाएं हाथ को सफलतापूर्वक री-इम्प्लांट कर दिया. आज पटियाला में निहंग सरदारों के समूह ने लॉकडाउन के दौरान आवाजाही करने संबंधी अनुमति पत्र (कर्फ्यू पास) मांगने वाले सिपाही का तलवार से हाथ काट दिया और अन्य पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया.था.
पीजीआई ने कहा कि 50 साल के मरीज के बाएं हाथ की कलाई तक का हिस्सा पूरी तरह अलग हो गया गया था.
पीजीआई ने एक बयान में कहा कि कटे हुए हिस्से को प्रारंभिक रूप से तैयार करने के बाद सुबह लगभग 10 बजे उसे फिर से जोड़ने का काम शुरू हुआ. सभी नसों और शिराओं को आपस में जोड़ा गया. सभी क्षतिग्रस्त हिस्सों को रिपेयर किया गया.
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तीन के-वायर्स का इस्तेमाल किया गया
तीन के-वायर्स का इस्तेमाल कर कलाई के सभी नर्व को हड्डी के साथ फिक्स किया गया. इसमें लगभग 7.5 घंटे लगे. पीजीआई ने कहा कि यह तकनीकी रूप से बहुत जटिल और चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी, जिसे सफलतापूर्वक किया गया.
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पीजीआई ने बयान में कहा है कि सर्जरी के अंत में मूल्यांकन किया गया कि हाथ काम करेगा, और रक्त के अच्छे संचरण के कारण वह गरम भी था.
प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष को मिली थी री-इम्प्लांट करने की जिम्मेदारी
पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता के एक फोन काल के बाद पीजीआई के निदेशक जगत राम ने ट्रॉमा सेंटर में आपात टीम को सक्रिय किया और प्लास्टिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष रमेश शर्मा को हाथ को री-इम्प्लांट करने की जिम्मेदारी सौंपी.
सर्जरी करने वाली टीम में सुनिल गागा, जेरी आर. जॉन, सूरज नायर, मयंक चंद्रा, शुभेंदु, अंकुर, अभिषेक और पूर्णिमा शामिल थे, जबकि नर्सिंग टीम में अरविंद, स्नेहा और अर्श शामिल रहे.