Saturday, April 20, 2024
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सत्र के पहले दिन विधेयकों की झड़ी, विपक्ष के विरोध के बीच कृषि सुधारों से जुड़े तीन बिल पेश

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में सरकार पूरी तैयारी के साथ आई थी। सत्र के पहले ही दिन सरकार ने संसद में विधेयकों की झड़ी लगा दी। लोकसभा में पांच विधेयक पेश किए गए। कृषि सुधारों से जुड़े अध्यादेशों पर विपक्षी विरोध के बावजूद तीन विधेयक पेश किए गए। इसके अलावा सरकार ने लोकसभा से दो विधेयक पारित भी करा लिया। कृषि सुधारों से जुड़े विधेयकों पर विपक्ष के विरोध और आशंकाओं को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने खारिज करते हुए कहा कि इन कानूनी बदलावों से किसानों को उनकी फसल का न केवल वाजिब मूल्य मिलेगा बल्कि खेती के क्षेत्र में नई तकनीक और संसाधनों के निवेश का रास्ता खुलेगा। इसका सीधा लाभ किसानों को होगा।

जारी रहेगी एमएसपी की व्यवस्था 

लोकसभा में कृषि सुधार से जुड़े अध्यादेशों से संबंधित तीन विधेयक पेश किए जाने का समर्थन करते हुए तोमर ने विपक्ष की इस आशंका को भी खारिज कर दिया कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। कृषि मंत्री ने कहा कि वे सदन को आश्वस्त कर रहे हैं कि नए कानूनों के बावजूद यह व्यवस्था जारी रहेगी। तोमर ने किसान उपज कारोबार-व्यापार प्रोत्साहन बिल और कीमतों के संरक्षण से संबंधित बिल पेश किया। कृषि राज्य मंत्री राव साहब दानवे ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव से जुड़ा बिल पेश किया। हालांकि, सरकार के इन विधेयकों का किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है। पंजाब के किसानों ने अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई सड़कों को जाम कर दिया। राज्य के कई हिस्सों में आंदोलन शुरू हो गया है।

विधेयकों के विरोध में उतरी कांग्रेस

कांग्रेस ने सदन के अंदर और बाहर कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयकों का भारी विरोध करते हुए कहा कि सरकार खेती-किसानी को पूंजीपतियों के हवाले कर किसानों और मंडियों को उनके रहमोकरम पर छोड़ रही है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत विपक्षी सदस्यों ने कहा कि पूंजीपति और कंपनियां सुधारों के नाम पर लाए गए इन कानूनों के जरिये किसानों का दोहन करेंगी। राज्यों में किसानों का मंडी बाजार इससे खत्म हो जाएगा। अधीर ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है। इस मसले पर कानून बनाने का अधिकार राज्यों को है। केंद्र का यह कदम संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने भी इन विधेयकों का विरोध किया।

सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती पर विधेयक

संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोविड महामारी की चुनौती से निपटने के लिए सांसदों के वेतन में 30 फीसद कटौती से जुड़ा विधेयक पेश किया। सांसदों के वेतन में यह कटौती अध्यादेश के जरिये अप्रैल से ही लागू है, जो अगले साल मार्च तक लागू रहेगी। कैबिनेट ने इससे जुड़े अध्यादेश को अप्रैल के पहले सप्ताह में मंजूरी दी थी

निर्मला ने पेश किया बैंकिंग नियमन और सुधार बिल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने को-ऑपरेटिव बैंकों में सुधार से जुड़े अध्यादेश की जगह बैंकिंग नियमन और सुधार बिल पेश किया, जिसका शशि थरूर और सौगत राय ने विरोध किया। उनका कहना था कि सरकार इस विधेयक के जरिये राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल दे रही है। हालांकि वित्त मंत्री ने विपक्षी नेताओं के इस एतराज को गैरवाजिब करार दिया। इसके साथ ही लोकसभा ने चिकित्सा शिक्षा से जुड़े होम्योपैथी के राष्ट्रीय आयोग बिल और भारतीय चिकित्सा पद्धति से संबंधित राष्ट्रीय आयोग बिल को पारित कर दिया। राज्यसभा ने बीते मार्च में ही इन दोनों विधेयकों को पारित कर दिया था।

कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन अध्यादेश जिन पर सरकार लाई है विधेयककृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश : यह अध्यादेश किसानों को उनकी उपज देश में कहीं भी, किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है। इसके जरिये एक देश, एक बाजार की अवधारणा लागू की जाएगी। किसान अपना उत्पाद खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकेंगे।

आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन : इसके जरिये अनाजों, दलहनों, खाद्य तेल, आलू और प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटाकर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मुक्त किया जाएगा। इन वस्तुओं पर राष्ट्रीय आपदा या अकाल जैसी विशेष परिस्थितियों के अलावा स्टॉक की सीमा नहीं लगेगी।

मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश : यह कदम फसल की बोआई से पहले किसान को अपनी फसल को तय मानकों और तय कीमत के अनुसार बेचने का अनुबंध करने की सुविधा प्रदान करता है। इससे किसान का जोखिम कम होगा। दूसरे, खरीदार ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा।

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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