नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना के संकट के दौरान कैट्स एंबुलेंस के लिए तैनात एक व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिजन को एक करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस रेखा पल्ली ने नोटिस जारी किया।
याचिका एक महिला ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि महिला के पति की जुलाई 2020 में कोरोना से मौत हो गई थी। उसे जून 2020 में कोरोना का संक्रमण हुआ था। वो पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान कैट्स एंबुलेंस में तैनात थे।
दिल्ली सरकार ने ये घोषणा की थी कि कोरोना ड्यूटी के दौरान मृत लोगों के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा लेकिन दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने याचिकाकर्ता को मुआवजा देने से इनकार कर दिया।
कैट्स ने दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग से महिला को मुआवजा देने की अनुशंसा की थी। राजस्व विभाग की ओर से मुआवजा देने के फैसले के खिलाफ महिला ने उप-राज्यपाल के यहां भी अपील दायर की थी लेकिन उप-राज्यपाल ने भी उसकी अर्जी ठुकरा दी थी।
याचिका में कहा गया है कि महिला के पति कैट्स में लेखा अधिकारी थे। वे दिल्ली अधीनस्थ लेखा सेवा के तहत नियुक्त किए गए थे। महिला के पति को 2018 में कैट्स में प्रतिनियुक्ति के आधार पर तैनात किया गया था।
8 फरवरी 2020 से 20 अप्रैल 2020 तक महिला के पति को कैट्स के मुख्यालय में प्रशासनिक अधिकारी बना दिया गया था। याचिका में कहा गया था कि महिला का पति 20 अप्रैल 2020 के बाद भी कोरोना ड्यूटी निभा रहे थे।