नई दिल्ली: निर्भया केस (Nirbhaya case) में फांसी से बचने की दोषियों ने एक और कोशिश नाकाम रही. दिल्ली हाईकोर्ट में दोषियों की दो याचिकाओं पर रात में सुनवाई करते हुए उन्हें खारिज कर दिया. दोषियों के वकील एपी सिंह ने याचिकाएं दायर की थीं. एक याचिका में निचली अदालत से जारी डेथ वारंट को रद्द करने की अर्जी थी, दूसरी याचिका में राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने को चुनौती दी गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मनमोहन की बेंच ने याचिका खारिज कर दी. अब निर्भया केस के चारों दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है.
चारों दोषियों को कल सुबह 5:30 बजे फांसी दी जानी है. इसी बीच, तिहाड़ जेल से खबर आई है कि निर्भया केस के चारों दोषी अपनी-अपनी सेल में फूट-फूटकर रोए हैं. चारों दोषी बहुत बेचैन हैं. तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा चारों दोषियों पर बहुत बारीकी नजर रखी जा रही है. एक सेकेंड भी दोषियों से नजर नहीं हटाने के आदेश दिए गए हैं. चारों दोषी आत्महत्या का ड्रामा कर फांसी रोकने की चाल चल सकते हैं. इसलिए चारों पर कड़ी नजर है.
कुछ देर पहले तिहाड़ DG ने फांसी प्रकिया पर एक हाई लेवल मीटिंग ली है. चारों दोषियों की फांसी के बाद उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए तिहाड़ प्रशासन दीनदयाल अस्पताल ले जाएगा जो कि मैन्यूल में लिखा है. करीब 8 बजे पोस्टमार्टम की प्रकिया शुरू हो सकती है.
अभी चारों दोषियों के परिवार ने यह नहीं बताया है कि वो पोस्टमार्टम के बाद शव लेंगे या नहीं. अगर नहीं लेगे तो जेल मैन्युल के हिसाब से पुलिस प्रशासन ही उनका अंतिम संस्कार कर देगा. चारों दोषियों ने अब तक अपनी आखिरी इच्छा नहीं बताई है. लिहाजा फांसी के बाद उन्होंने जेल में रहकर श्रमकर जो पैसा कमाया है, वो पैसा उनके कैदी एकाउंट से उनके परिजनों को दे दिया जाएगा.