मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंसा प्रभावित जिरीबाम जिले के आज बहुप्रतीक्षित दौरे से पहले एक अग्रिम सुरक्षा दल पर संदिग्ध उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया।
पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों के वाहनों पर कई गोलियां चलाई गईं, जिनका सुरक्षा बलों ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-53 के निकट कोटलेन गांव के पास गोलीबारी अभी भी जारी है। इस हमले में कम से कम दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गये हैं।
यह हमला क्षेत्र में बढ़ती हिंसा की पृष्ठभूमि में हुआ है। हिंसा में हालिया उछाल 6 जून को शुरू हुआ, जब 59 वर्षीय मैतेई किसान सोइबाम सरतकुमार सिंह का शव मिला, जो कई हफ़्तों से लापता था।
सिंह के शव की खोज ने निवासियों में आक्रोश की लहर पैदा कर दी, जिसके कारण सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और सुरक्षा के लिए खुद को हथियारबंद करने के अधिकार की तत्काल मांग की गई।
स्थिति तेजी से बिगड़ी और पड़ोसी राज्य असम तक पहुंच गई, जहां विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि के लगभग 600 लोगों ने अपनी मातृभूमि में व्याप्त हिंसा से बचने के लिए कछार जिले के लखीपुर में शरण ली।
राज्य की राजधानी इम्फाल से 220 किलोमीटर दूर स्थित जिरीबाम, असम की सीमा से लगा एक रणनीतिक प्रवेश द्वार है, जो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग-37 से होकर गुजरता है। आस-पास की पहाड़ियों में बसे कई कुकी गांवों की मौजूदगी से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।