कर्नाटकः PUBG गेम को लेकर हुई लड़ाई में 12 साल के लड़के की हत्या, एक दिन बाद मिला शव

By Shubham Rakesh

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कर्नाटक : मंगलोर के उल्लाल शहर में रविवार की सुबह एक 12 वर्षीय बच्चे का शव मिला, बच्चे के परिजनों ने शनिवार को उसकी लापता का मामला दर्ज कराया था, जब उनका बच्चा रात को घर नहीं लौटा. बच्चे का मृत शरीर केले के पत्तों और नारियल के छिलकों से ढंका हुआ था, रविवार की सुबह 7 बजे पुलिस ने शव बरामद किया जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इस मामले में हत्या का आरोपी 17 साल का नाबालिग बताया जा रहा है, जिसके साथ छठीं कक्षा में पढ़ने वाला 12 वर्षीय लड़का ऑनलाइन गेम पबजी (PUBG) खेला करता था.

पुलिस को पूछताछ के दौरान नाबालिग ने बताया कि कल रात 9 बजे के करीब हम मिले थे और हमने पबजी गेम खेलना शुरू किया, “ऐसा इसलिए किया कि क्योंकि ज्यादातर समय जब ऑनलाइन खेलते थे, आरोपी नाबालिग जीत जाता था और छोटा बच्चा उस पर चीटिंग करने का आरोप लगाता था.” लड़के के मुताबिक, “तीन महीने पहले, हम फोन की दुकान के पास मिले थे. उसने मुझे कहा था कि तुम जीतने के लिए किसी दूसरे आदमी की मदद ले रहे हो और इसलिए तुम जीत रहे हो. ये चीटिंग है. आओ आमने सामने खेलकर देखते हैं कि कौन जीतता है.”

शनिवार की रात को जब 12वीं का छात्र गेम में हार गया, तो दोनों आपस में झगड़ने लगे. आरोपी लड़के ने बताया कि मृतक लड़के ने पहले उसे धक्का दिया और एक छोटा पत्थर उसके ऊपर फ़ेक के मारा. इसके बाद उसने पलटवार करते हुए बड़ा पत्थर उठाकर उसे मारा, जिसके चलते 12 वर्षीय बच्चा घायल हो गया और तेजी से खून बहने लगा. नाबालिग लड़के को समझ नहीं आया कि इस स्थिति में क्या करें, तो उसने घायल बच्चे को रोड के किनारे खींचा और उसी हालत में छोड़कर घर चला गया. मृत बच्चे के परिजनों का कहना है कि वे अपने बच्चे को पबजी खेलने के लिए फोन देते थे साथ ही उसके दोस्तों को भी पता था कि वह अपनी उम्र से बड़े लड़कों के साथ पबजी गेम खेलता था

पुलिस अधिकारी ने बताया, “हम मामले की जांच कर रहे हैं कि कहीं उसने अपने परिजनों को कुछ बताया था कि नहीं, क्या उन्हें किसी चीज के बारे में पता था.” मंगलोर के पुलिस कमिश्नर एन शशि कुमार ने कहा, “पूरा मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और परिजनों को अपने बच्चे की आदतों के बारे में सतर्कता बरतनी चाहिए. उन्हें ध्यान रखना चाहिए. एक गेम को लेकर इस तरह की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. परिजनों को अपने बच्चों को इस तरह के गेम खेलने से रोकना चाहिए. इस मामले में आरोपी को अस्थायी राहत मिल सकती है. ये ऐसा मामला नहीं है कि कोई बहुत बड़ी दुश्मनी हो या संपत्ति के विवाद का मामला हो. ये पबजी को लेकर बचकानी हरकतें थीं, जिनकी वजह से एक जिंदगी खो गईं.”


कुमार ने कहा, “पबजी के कई संस्करण हो सकते हैं, हमें उनकी पुष्टि करनी होगी. आरोपी की उम्र 17 से 18 साल की है. उसके रिकॉर्ड चेक किए जाएंगे. उसके माता पिता का उत्तर प्रदेश से हैं और कई साल पहले वे यहां बस गए थे. आरोपी लड़का चार से पांच भाषाएं बोल सकता है तथा तीक्ष्ण और तेज बुद्धि वाला है. पूरे मामले की जांच की जाएगी कि आखिर वास्तव में हुआ क्या था.”

उन्होंने कहा, “जब बच्चों को लत लग जाती है या वे किसी गेम के आदी हो जाते हैं, तो परिजनों को ध्यान रखना चाहिए. इस तरह के मामले किसी के भी साथ हो सकते हैं, हमारे बच्चों के साथ हो सकते हैं. इससे पहले ब्लू व्हेल चैलेंज के चलते बच्चों में सुसाइड के मामले आ रहे थे. अब हत्याएं हो रही हैं. युवा जिंदगियां खत्म हो रही हैं, सिर्फ एक गेम के लिए ये काफी दुखद है.”

Shubham Rakesh

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