अदालतों के हस्तक्षेप से कम हो जाएगा मध्यस्थता का महत्व : सुप्रीम कोर्ट

Khabar Satta
By
Khabar Satta
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
1 Min Read

नई दिल्ली। अगर अदालतों को कानून के दायरे से बाहर जाकर मध्यस्थता प्रक्रिया में हस्तक्षेप की अनुमति दी गई तो ऐसी प्रक्रियाओं का महत्व कम हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह टिप्पणी की।

शीर्ष अदालत ने कहा कि हाई कोर्ट को उन दुर्लभ मामलों में अपवाद के तौर पर ही संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत प्राप्त असाधारण रिट पावर का उपयोग करना चाहिए, जिनमें मध्यस्थता कानून द्वारा निस्तारित विवाद में एक पक्ष के पास कोई विकल्प न बचा हो। साथ ही जहां स्पष्ट तौर पर दूसरे पक्ष की दुर्भावना दिख रही हो।

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुजरात की कंपनी भावेन कंस्ट्रक्शंस द्वारा हाई कोर्ट के 2012 के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई की। गुजरात हाई कोर्ट ने अपनी रिट पावर का इस्तेमाल करते हुए सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के खिलाफ उपरोक्त कंपनी द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता कार्यवाही में हस्तक्षेप किया था। इस मामले में भुगतान एवं ईट की आपूर्ति को लेकर विवाद हो गया था। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता कार्यवाही में हस्तक्षेप के हाई कोर्ट के आदेश को रद कर दिया।

- Join Whatsapp Group -
Share This Article
Follow:
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *