भारतीय नौसेना का ऐतिहासिक फैसला, अब महिलाएं भी बनेंगी ‘मरीन कमांडो’

By SHUBHAM SHARMA

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भारतीय नौसेना ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक अब महिलाएं भी नौसेना के मरीन कमांडो के स्पेशल फोर्सेज में शामिल हो सकेंगी. इस संबंध में हिन्दुस्तान टाइम्स ने नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, तय मापदंड पूरे करने पर महिलाएं भी मरीन कमांडो के तौर पर नेवी में शामिल हो सकेंगी। हालांकि मरीन कमांडो के तौर पर सीधे किसी की भर्ती नहीं की जा सकती है। नौसेना में शामिल होने के बाद मरीन कमांडो बनने के मापदंड को पूरा करने के बाद ‘विशेष बल’ में शामिल हो सकते हैं।

अगले साल से नौसेना में फायरमैन के रूप में शामिल होने वाली महिला अधिकारी या नाविक मरीन कमांडो योग्यता परीक्षा में खुद को साबित करने के बाद इस पद पर काम कर सकती हैं।

विशेष बल क्या है?

भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना सभी के पास विशेष बल हैं। ये विशेष बल मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत सैनिकों की भर्ती करते हैं जो विपरीत परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं। इसके लिए उन्हें कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है और एक विशेष स्तर की कठोरता से गुजरना पड़ता है। उम्मीदवारों द्वारा उन मानदंडों पर खुद को साबित करने के बाद ही उन्हें इन विशेष बलों में भर्ती किया जाता है।

अभी तक इस स्पेशल फोर्स में सिर्फ पुरुषों को ही शामिल होने की इजाजत थी। हालांकि अब महिलाएं भी इन कसौटियों पर खुद को साबित कर इस स्पेशल फोर्स में शामिल हो सकेंगी। नौसेना में एक विशेष बल समुद्री कमांडो (मार्कोस) है।

कौन होते हैं मरीन कमांडो?

भारतीय नौसेना में मरीन कमांडो की ट्रेनिंग 1987 में शुरू हुई थी। शुरुआत में इस टीम का नाम ‘इंडियन मरीन स्पेशल फोर्सेज’ था। 1991 नौसेना ने अपना नाम बदलकर ‘सबोटेड फ़ोर्स ऑफ़ मरीन’ (समुद्री कमांडो फ़ोर्स) कर दिया। इसका संक्षिप्त रूप मार्कोस है।

SHUBHAM SHARMA

Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.

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