भारत ने UN में उठाया खैबर पख्तूनख्वा में मंदिर तोड़े जाने का मुद्दा, पाकिस्तान पर साधा निशाना

Khabar Satta
By
Khabar Satta
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
3 Min Read

शांति की संस्कृति विषय पर संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित करने को लेकर पाकिस्तान को भारत ने आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उस देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर कर दिया गया और एक ऐतिहासिक मंदिर पर हुए हमले के दौरान वहां की कानून प्रवर्तन एजेंसियां मूक दर्शक बनी रहीं। पिछले वर्ष दिसंबर में, पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कारक जिले के टेर्री गांव में, कुछ स्थानीय मौलानाओं तथा कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमीयत उलेमा ए इस्लाम के सदस्यों के नेतृत्व में भीड़ ने एक मंदिर में आग लगा दी थी। इस हमले की मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी, जिसके बाद पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने मंदिर के पुनर्निर्माण का आदेश दिया था।

भारत ने इस पड़ोसी देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए शांति और सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रस्ताव को स्वीकार करने के संबंध में अपने वक्तव्य में बृहस्पतिवार को कहा, यह बहुत बड़ी विडंबना है कि वह देश, जहां हाल ही में मंदिर पर हमला हुआ और उसे ध्वस्त कर दिया गया तथा जहां इस तरह के हमले सिलसिलेवार रूप से होते रहते हैं और जहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर कर दिया जाता है, वह देश शांति की संस्कृति विषय के तहत प्रस्ताव का एक सह-प्रायोजक है। भारत ने कहा, इस प्रस्ताव की आड़ लेकर पाकिस्तान जैसे देश छिप नहीं सकते हैं।

भारत ने प्रस्ताव पर अपनी स्थिति की व्याख्या करते हुए पाकिस्तान के कारक कस्बे में एक मंदिर पर हुए हमले का, एक सिख गुरुद्वारे पर हुए हमले का तथा अफगानिस्तान में बामयान बुद्ध प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने का जिक्र किया है। भारत ने कहा कि बढ़ते आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, चरमपंथ और असहिष्णुता के दौर में धार्मिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहरों को आतंकी कृत्यों, हिंसा एवं विनाश का खतरा है। भारत ने विशेष रूप से धर्म के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा का आधार तैयार करने के लिए उद्देश्यपरकता और निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुपालन का आह्वान किया। बयान में कहा गया, हमें उन ताकतों के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जो संवाद और शांति की जगह हिंसा और नफरत को स्थान देती हैं।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बृहस्पतिवार को प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ऐसे धार्मिक स्थलों को विश्व में लक्षित तरीके से निशाना बनाये जाने, उनका विध्वंस करने, उन्हें क्षतिग्रस्त करने या उन्हें खतरे में डालने जैसे सभी कृत्यों की निंदा की गयी है। प्रस्ताव में किसी धार्मिक स्थल को दूसरे धर्म के लिए उपासना स्थल में जबरन तब्दील करने के भी किसी कदम की निंदा की गयी है। प्रस्ताव के सह-प्रायोजक में पाकिस्तान और 21 अन्य देश हैं।

Share This Article
Follow:
खबर सत्ता डेस्क, कार्यालय संवाददाता
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *