कोरोना से जंग में भारत ने तैयार किया लड़ाई का अहम हथियार

SHUBHAM SHARMA
By
SHUBHAM SHARMA
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
6 Min Read

नई दिल्ली। कोरोना वायरल समस्या भारत सहित दुनियाभर में विकराल रूप धारण करती जा रही है। अभी तक दुनिया में इसका कोई इलाज नहीं खोज जा सका है। केवल बचाव को ही इसकी दवा माना जा रहा है। ऐसे में भारत में एक बहुत बड़ी कामयाबी पाई है। इससे जहां भारत की समस्या हल नहीं होगी, बल्कि दुनिया को भी कोरोना के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी। कोरोन के खिलाफ लड़ाई का यह हथियार एक भारत की कंपनी ने तैयार किया है। यह हथियार इतना कारगर है कि इससे कोरोना के मरीजों को शायद अस्पताल तक भी ले जाने की जरूरत न पड़े और उनका घर पर इलाज संभव हो सके। इससे जहां मरीज को भी आसानी होगी, वहीं देश के अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा। इससे भारत कोरोन के खिलाफ जंग आसानी से लड़ सकेगा। आइये विस्तार से जानते हैं कि कोरोना के खिलाफ यह कौन सा हथियार तैयार हुआ है।

अगवा हेल्थकेयर ने तैयार किया है यह हथियार

अगवा हेल्थकेयर (AgVa Healthcare) ने कोरोना से लड़ाई में सबसे जरूरी हथियार वेंटिलेटर का छोटा स्वरूप तैयार कर लिया है। यह इतना छोटा है कि इसे सामान्य वेंटिलेटर की तुलना में नैनो वेंटिलेटर कहा जा सकता है। इसी कारण कोरोना से लड़ाई में हथियार माना जा रहा है। देश में न सिर्फ वेंटिलेटर की कमी है, बल्कि अस्पतालों में कमरों और बेड की भी कमी है। ऐसे में यह खोज यह दोनों ही दिक्कत एक साथ ही हल कर देगी।

जानिए इस नैनो वेंटिलेटर के फायदे

इस नैनो वेंटिलेटर का सबसे बड़ा फायदा इसका छोटा होने के चलते इस्तेमाल में आसान होना है। इस वेंटिलेटर को कहीं पर भी लगाया जा सकता है, और इस्तेमाल में इतना आसान है कि इसे कोई भी चला सकता है। ऐसे में अगर जरूरत पड़े तो इसे मरीज के घर पर ही लगाया जा सकता है। इससे अस्पतला पर दबाव कम होगा और मरीज भी आराम से घर पर ही इलाज पा जाएगा।

क्या कहा इसे तैयार करने वाली टीम ने

इस वेंटिलेटर को तैयार किया है न्यूरोसर्जन दीपक अग्रवाल और रोबोट वैज्ञानिक दिवाकर वैश्य ने। ईटी में छपी एक स्टोरी के अनुसार इन दोनों का कहना है कि सस्ता, आकार में छोटा इस्तेमाल में काफी आसान है। इन लोगों के अनुसार इसकी कीमत करीब 2 हजार डॉलर यानी डेढ़ लाख रुपये के आसपास है। जबकि अभी तक एक परंपरागत वेंटिलेटर की कीमत करीब 10 हजार डॉलर यानी करीब साढ़े लाख रुपये के आसपास है। इसके अलावा इसका निमार्ण देश में भारी मात्रा में किया जा सकता है।

भारी मांग के चलते उत्पादन बढ़ाया

कंपनी कोरोना वायरस के प्रकोप के पहले तक महीने में करीब 500 मिनी वेंटिलेटर बना रही थी। लेकिन अब वह महीने में करीब 20000 हजार वेंटिलेटर बना रही है। कंपनी का कहना है कि इसका उत्पादन और भी बढ़ाया जा सकता है। कंपनी की उत्पादन इकाई दिल्ली एनसीआर में है। इसका आकार ही नहीं वजन भी काफी कम है। यह करीब साढ़े तीन किलो वजन का वेंटिलेटर है, जिसके कारण इसे कहीं भी ले जाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। मारुति ने इस कंपनी को उत्पादन बढ़ाने में मदद की पेशकश की है। इसके बाद उम्मीद है कि यह उत्पादन और ज्यादा बढ़ जाएगा।

कहीं भी किया जा सकता है इस्तेमाल

इस वेंटिलेटर को तैयार करने वाले रोबोट वैज्ञानिक दिवाकर वैश्य के अनुसार अगर किसी होटल को अस्पताल में बदलना हो अब यह भी संभव है। बस इस डिवाइस को इंस्टाल करने की जरूरत है। इसके साथ अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ती है।

आखिर क्यों है यह कोरोना के खिलाफ यह हथियार

देश में केवल 40,000 वेंटिलेटर ही हैं। लेकिन अगर कोरोना के पेशेंट बढ़ते हैं, तो इनकी जरूरत पड़ेगी। सामान्य वेंटिलेर तैयार करना और उनको चलाना काफी कठिन काम है। ऐसे में यह वेंटिलेटर बड़े काम के साबित हो सकते हैं।

कहां से मिली इसको बनाने की प्रेरणा

न्यूरोसर्जन दीपक अग्रवाल और रोबोट वैज्ञानिक दिवाकर वैश्य के अनुसार 2016 में हम लोगों ने एम्स में मरीजों को वेंटिलेटर को लेकर परेशान होते देखा था। उसी वक्त हम लोगों ने इसका सस्ता विकल्प देने का फैसला किया और फिर यह डिवाइस तैयार हुई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव आरवी अशोकन के अनुसार यह एक अनोखा इनोवेशन है। यह हेल्थकेयर सुविधा में कमियों को दूर कर सकता है। अशोकन के अनुसार वर्तमान परिस्थतियों में यह काफी कारगर साबित हो सकता है। इनका कहना है कि यह वेंटिलेटर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में फायदेमंद है। हालांकि उनका कहना है कि यह फिलहाल ट्रांसप्लांट या अन्य ऐसे ही गंभीर आपरेशन में कारगर नहीं है।

एक बच्चे की बदल दी जिन्दगी

एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार सुनिता शर्मा के बच्चे को डॉक्टरों ने एक बीमारी के बाद वेंटिलेटर वाले बेड के साथ ही जीवन गुजारने की बात कही थी। बाद में कंपनी ने अपना वेंटिलेटर इस परिवार को फ्री में दिया। सुनीता के अनुसार आज उनका वेटा इस डिवाइस के साथ घर पर आराम से जीवन गुजार रहा है।

TAGGED:
Share This Article
Follow:
Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *