फरीदाबाद के सेक्टर-88 स्थित एसआरएस हिल्स सोसायटी में एक 67 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग को उनके बेटे और बहू द्वारा चप्पलों से पीटा जाता था, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया। पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद कर लिया है और मामला दर्ज कर लिया गया है।
यह दर्दनाक घटना 22 फरवरी को हुई, जब कुबेर नाथ शर्मा नामक व्यक्ति ने अपनी सोसायटी की पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही भूपानी पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की।
सुसाइड नोट में बेटे-बहू पर गंभीर आरोप
पुलिस को बुजुर्ग की जेब से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने लिखा:
“आत्महत्या मैं अपनी मर्जी से कर रहा हूँ, किसी ने मुझे धक्का नहीं दिया है। मेरा बेटा और बहू मुझ पर चप्पलों से वार करते हैं, जिससे तंग आकर मैं यह कदम उठा रहा हूँ। इसमें किसी का दोष नहीं है, सब कुछ ऊपर वाले की मर्जी से हो रहा है।“
इस सुसाइड नोट के सामने आने के बाद भूपानी पुलिस ने बेटे और बहू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है।
कुबेर नाथ शर्मा एक निजी कंपनी से सेवानिवृत्त फोरमैन थे और पिछले तीन वर्षों से अपने बेटे और बहू के साथ फरीदाबाद की एसआरएस हिल्स सोसायटी में रह रहे थे। इससे पहले वह गाजियाबाद में अपने बड़े बेटे के घर पर रहते थे, लेकिन कुछ कारणों से उन्हें वहां से निकलना पड़ा। शर्मा पिछले तीन वर्षों से बीमार भी थे, जिसके कारण वह मानसिक रूप से भी परेशान चल रहे थे।
उनका बेटा एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर डिजाइनर के रूप में कार्यरत है, जबकि बहू एक स्कूल शिक्षिका है।
घटना के समय क्या हुआ?
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में, शर्मा के बेटे ने बयान दिया कि उसके पिता सुबह नाश्ता करने के बाद टहलने के लिए निकले थे। जब वह दोपहर के भोजन के लिए वापस नहीं लौटे, तो बेटे ने सोसायटी के गार्ड से मदद मांगी। तभी एक तेज आवाज सुनाई दी और देखा कि बुजुर्ग सोसायटी के प्रांगण में गिरे पड़े थे। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एसआरएस हिल्स सोसायटी का विवरण
मैजिक ब्रिक्स के अनुसार, एसआरएस हिल्स सोसायटी 48 एकड़ भूमि पर फैली हुई है और इसमें कुल 12 टावर हैं। यह एक उच्च-वर्गीय सोसायटी मानी जाती है, लेकिन इस घटना के बाद से यहाँ सुरक्षा और पारिवारिक विवादों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
घरेलू हिंसा का एंगल
शुरुआती जांच में इस मामले को सिर्फ आत्महत्या का केस माना जा रहा था। लेकिन सुसाइड नोट मिलने के बाद घरेलू हिंसा के आरोप भी सामने आए। पुलिस के अनुसार, घटना के समय शर्मा की पत्नी अपने गांव में थी, जिससे यह संदेह पैदा हुआ कि कहीं बुजुर्ग घर में अकेले तो नहीं पड़ गए थे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बुजुर्ग के बेटे और बहू से भी गहन पूछताछ की जाएगी और यह भी देखा जाएगा कि उनके साथ पहले भी घरेलू हिंसा की घटनाएँ हुई थीं या नहीं।
फोरेंसिक जांच में क्या सामने आएगा?
एसएचओ संग्राम दहिया ने बताया कि पुलिस ने क्राइम सीन को रीक्रिएट किया है और सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग वेरिफिकेशन के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है।
फोरेंसिक रिपोर्ट के आने के बाद:
- अगर सुसाइड नोट बुजुर्ग का ही पाया गया, तो मामला आत्महत्या और घरेलू हिंसा के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा।
- अगर कोई बाहरी दबाव या झगड़े के सबूत मिलते हैं, तो बेटे और बहू पर गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
बुजुर्गों के लिए न्याय की मांग
यह घटना सिर्फ एक आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि यह बुजुर्गों के प्रति समाज के बदलते व्यवहार को भी दर्शाती है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां बुजुर्गों को उनके ही घर में प्रताड़ित किया जाता है।
जरूरी कदम जो उठाए जाने चाहिए:
- बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए कड़े कानूनों का पालन किया जाए।
- बुजुर्गों को हेल्पलाइन नंबर और कानूनी सहायता की जानकारी दी जाए।
- सोसायटी में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए और पुलिस को तत्काल सूचना दी जाए।
फरीदाबाद की इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या बुजुर्ग अपने ही घर में सुरक्षित हैं? अगर सुसाइड नोट के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने माता-पिता और बुजुर्गों की सुरक्षा और देखभाल को प्राथमिकता देनी होगी।