ICMR Guidelines: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बुधवार को कोविड-19 महामारी के परिप्रेक्ष्य में रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए और इसके विनिर्माताओं को सूचीबद्ध किया. सूचीबद्ध विनिर्माताओं में दो चीनी कंपनियां भी शामिल हैं जिनके आयातक लाइसेंस केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसलिए रद्द कर दिए थे क्योंकि इन किटों के परिणामों में काफी भिन्नता थी
आईसीएमआर ने हालांकि अपने निर्देश में स्पष्ट किया कि रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण किट कोविड-19 के निदान के लिए नहीं हैं. बुधवार को जारी निर्देश में आईसीएमआर ने कहा कि ये परीक्षण रक्त/सीरम/प्लाज्मा नमूनों पर किए जा सकते हैं जिनके परिणाम 30 मिनट में मिल जाते हैं और परीक्षण संक्रमण के 7-10 दिन में पॉजिटिव आते हैं.
बता दें कि विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास निगम (एनआरडीसी) ने वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए शरीर को मजबूत और कवच बनाने वाली फीफाट्रोल दवा को कोविड उपचार एवं बचाव तकनीकों में शामिल किया था. इससे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के डॉक्टर भी अध्ययन के बाद इसे आयुर्वेदिक एंटीबॉयोटिक कहा था. इनके अनुसार एमिल फार्मास्युटिकल के गहन अध्ययन के बाद तैयार दवा फीफाट्रोल में सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस व मत्युंजय रस जड़ी बूटियां हैं जिनके जरिए यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में सहायक है.