Saturday, April 20, 2024
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Hathras Rape Case: बलात्कारियों को कौन सी सजा दी जाये?

नई दिल्ली.  दिल्ली के निर्भया काण्ड के बाद देश में निर्भया काण्ड कई बार हुआ है, लेकिन सभ्य समाज का सभ्य देश भारत हर निर्भया काण्ड पर चुप लगा जाता है. ये चुप्पी बर्बरता का समर्थन करती है, और सभ्यता का अपमान. हर घर में बेटी है और हर घर में मां है लेकिन उस घर में क्या कोई जानवर भी है जो दूसरों की बेटी और मां के लिए खतरा है?  

Hathras Rape Case भूल न पाएंगे

निर्भया की तरह हाथरस भी भूलना आसान नहीं होगा. चार आदमखोरों ने हाथरस की दलित कन्या के साथ जघन्य कुकृत्य किया है. इसने फिर से निर्भया वाले भारत की याद दिला दी है. इस काण्ड में बलात्कार भी हुआ है और पीड़ादायी नृशंस हत्या भी. गांव की दलित लड़की के साथ इसी गांव के ऊंची जात वाले चार नरपशु पहले बलात्कार करते हैं फिर उसकी जुबान काटते हैं और फिर उसको दुपट्टे से घसीटते हैं और उसके बाद जब हाथरस के अस्पताल में पीड़िता का उपचार ढंग से नहीं हो पाता है तो  चौदह दिन बाद 29 सितंबर को वह दिल्ली के अस्पताल में बहुत ही दर्दनाक स्मृतियों के साथ दुनिया को अलविदा कह देती है.

Hathras पुलिस ने Mumbai पुलिस की याद दिलाई

घटना के बाद हाथरस की पुलिस अपना काम नहीं करती और करीब एक सप्ताह तक इस नृशंस अपराध की एफआईआर नहीं लिखती. उस बेशर्मी और भ्रष्ट आचरण के बाद के बाद अब अचानक पुलिस सक्रिय हो जाती है और आधी रात को उस पीड़िता लड़की का अग्नि संस्कार कर देती है वह भी उसके परिचितों की अनुमति के बिना. पुलिस के ऐसा करने की वजह क्या हो सकती है? क्या पुलिस को एफआईआर न लिखने के लिए इस देश में कोई दंड विधान है या नहीं? किसी बलात्कार पीड़िता की हत्या किये जाने के बाद बिना परिवार की अनुमति के पुलिस को उसकी लाश को आग के हवाले करने का अधिकार किसने दिया ? यदि मुंबई पुलिस घटिया है तो हाथरस पुलिस महा-घटिया है, और इसमें कोई दो राय नहीं है.

Hathras Police के पीछे कौन?

जिस तरह से मुंबई पुलिस के पीछे कौन का प्रश्न उठा था, उसी तरह हाथरस पुलिस के पीछे कौन है – ये सवाल और बड़ा हो कर खड़ा होता है. आखिर क्यों पुलिस को अपनी करनी का न भय है न उस पर कोई खेद है. जब पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी टीवी पर आते हैं तो इस घटना पर इतने ठंडे ढंग से बात करते हैं जैसे कोई जेबकटी का केस हो. अब जब हाथरस के स्थानीय पुलिस थाने के थानेदार का तबादला कर दिया गया है तो सारी दुनिया को खड़े हो कर इस कदम की भूरी भूरी प्रशंसा करनी चाहिए?

Hathras Rape Case मामले में कठोर से भी कठोर कार्रवाई करनी होगी

उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ध्यान रखना होगा कि जन-संवेदना अग्नि के समान होती है. यह अग्नि-शिखा से अग्निकुंड भी बन सकती है और ताज और तख्त भी गिरा सकती है. होगा ये कि आज तक जो भी आपने किया सारा अच्छा और बहुत अच्छा आपका काम शून्य हो जाएगा. आपका सारा किया कराया पानी हो सकता है. आपको कठोरता के साथ इन बर्बर नर पशुओं पर कठोर कार्रवाई करनी होगी. आपकी कार्रवाई इतनी कठोर हो कि सारे देश के पुलिसवालों के लिए एक आदर्श अनुकरणीय उदाहरण बन सके.

Hathras Rape Case में मुकदमा लम्बा न खिंचे तो बेहतर

बेहतर हो कि अब जब पीड़िता ने मृत्यु से पूर्व उन चारों बलात्कारियों को पहचान लिया और उनको गिरफ्तार कर लिया गया है तो अब अगला कार्य न्यायालय का है. न्यायालय शीघ्र ही त्वरित सुनवाई और त्वरित न्याय दे. हमेशा की तरह इस मुकदमे को बरसों-बरस न लगें कि जब इन जानवरों को दंड मिले तो दुनिया इस मामले को भूल चुकी है. क्या तब न्याय वास्तव में न्याय होगा? क्या तब उस न्याय के आने तक हज़ारों दूसरे हाथरस-मामले देश भर में न हो चुके होंगे? क्या उस न्याय से अपराधियों को कोई सबक मिल सकेगा?

Hathras Rape Case में सजा ऐसी हो कि याद रहे

इन बर्बर नरपशुओं को ऐसी सजा मिले कि बरसों बरस लोगों को याद रहे और उसे याद कर भावी अपराधियों के बाल खड़े हो जाएं. भावी बलात्कारियों के दिलों में खौफ पैदा होगा तभी इस न्याय से कोई फर्क पड़ेगा. तब ही हमारी मां-बहनें घर से बाहर पहले से अधिक सुरक्षित महसूस कर सकेंगी. अब के बार जेल में चुपचाप फांसी न हो. दलित कन्या के इन अपराधी जानवरों को ऐसी सजा मिले कि आने वाले दिनों में भावी अपराधियों की हड्डियों में सिहरन पैदा हो जाए. एक हफ्ते में इनको सजा दी जाए और उसी गांव के चौराहे पर इनको फांसी दी जाए जिस गांव में इन्होने ऐसा कुकृत्य किया है. उसके बाद इनकी लाश को कुत्तों से घसिटवाया जाए और इसको टेलीविज़न पर लाइव दिखाया जाए. अगर ऐसा न्याय इस देश में हो सकेगा तब यह देश बलात्कार मुक्त हो सकेगा.

SHUBHAM SHARMA
SHUBHAM SHARMAhttps://shubham.khabarsatta.com
Shubham Sharma is an Indian Journalist and Media personality. He is the Director of the Khabar Arena Media & Network Private Limited , an Indian media conglomerate, and founded Khabar Satta News Website in 2017.
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