Hathras Case: यूपी में माहौल बिगाड़ने के लिए वेबसाइट के जरिये विदेशी फंडिंग, अब ED भी करेगी जांच

SHUBHAM SHARMA
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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena...
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लखनऊ। हाथरस कांड में राजनीतिक सरगमर्मी बढ़ने के साथ ही कई सनसनीखेज तथ्य भी लगातार सामने आ रहे हैं। बीते दो दिनों में बदलते घटनाक्रम के बीच सबसे बड़ी साजिश तो माहौल बिगाड़ने के लिए एक वेबसाइट के जरिये विदेशी फंडिंग की सामने आई है, जिसके बाद अन्य जांच व सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ गई हैं। पुलिस ने उत्तर प्रदेश में जातीय संघर्ष की साजिश को लेकर अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है तो अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी उसमें शामिल हो गई है।

ईडी ने वेबसाइट के जरिये फंडिंग के मामले में हाथरस में दर्ज एक एफआइआर को आधार बनाकर अपनी छानबीन शुरू कर दी है और जल्द मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी है। प्लेटफार्म कार्ड डॉट कॉम के जरिये वेबसाइट बनाई गई और बड़ा खेल किया गया। वेबसाइट के जरिये की गईं सभी गतिविधियां अब जांच के घेरे में आ चुकी हैं। इस वेबसाइट के जरिए सोशल मीडिया पर भ्रामक व आपत्तिजनक पोस्ट की गई थीं। वेबसाइट के जरिए ही माहौल बिगाड़ने की साजिश के लिए विदेश से फंडिंग किए जाने की बात भी सामने आई है। दुनिया भर में यूपी को बदनाम करने की कोशिश की गई।

ईडी अब विदेशी एजेंसियों से वेबसाइट व उसके जरिये की गई फंडिंग का ब्योरा जुटाएगी। साथ ही फंडिंग किन खास लोगों तक पहुंचाई गई और रकम का इस्तेमाल कहां और किस तरह किया गया। ऐसे कई बिंदु ईडी की जांच का अहम हिस्सा होंगे। बेवसाइट से जुड़े सभी लोगों की सिलसिलेवार छानबीन भी की जाएगी। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल मुख्यालय के ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का कहना है कि हाथरस में एक वेबसाइट के जरिए फंडिंग की जांच की जा रही है। जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि हाथरस में सुनियोजित साजिश के तहत सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने व पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का प्रलोभन देकर गलत बयानी का दबाव बनाए जाने के गंभीर तथ्य सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में 19 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें एक मुकदमा भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह व अन्य के विरुद्ध भी है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सोमवार को प्रेसवार्ता में बताया कि सूबे में जातीय संघर्ष कराने व राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश के तहत सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित किया गया है। हाथरस में कुछ संगठनों ने कोविड-19 की गाइडलाइन व धारा-144 का उल्लंघन करते हुए माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया। पुलिस पर हमलावर भी हुए। इसे लेकर हाथरस में छह मुकदमे दर्ज कराए गए हैं, जिनमें सपा, रालोद, भीम आर्मी के नेताओं समेत अन्य अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। यह मुकदमे राष्ट्रद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र, जातीय उन्माद भड़काने, पुलिस पर हमला, यातायात बाधित करने तथा कोविड-19 की गाइडलाइन व धारा 144 के उल्लंघन समेत अन्य धाराओं में दर्ज किए गए हैं।

 

हाथरस कांड के जरिये उत्तर प्रदेश माहौल बिगाड़ने के लिए एक वेबसाइट के जरिये फंडिंग भी हुई थी। अब इस इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जल्द एफआईआर दर्ज करेगी। ईडी इसके लिए हाथरस में दर्ज एफआईआर का परीक्षण कर रही है। बताया जा रहा है कि पूरे प्रकरण में अब पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) समेत कुछ अन्य संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन की जा रही है। एक फर्जी वेबसाइड के जरिए सोशल मीडिया पर आपत्तजिनक व भ्रामक संदेश प्रसारित किए जाने को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। वेबसाइट के जरिए बड़े पैमाने पर राज्य सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा गया।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी मुकदमों में वीडियो और तस्वीरों के जरिये आरोपितों को चिह्नित कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कई संगठनों की भूमिका की भी गहनता से छानबीन के निर्देश दिए गए हैं। खुफिया तंत्र को भी सभी बिंदुओं पर जांच के लिए सक्रिय किया गया है। जल्द वीडियो व तस्वीरों के जरिए आरोपितों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

हाथरस कांड के बाद उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानूम (सीएए) की तर्ज पर दंगों के साथ जातीय हिंसा को भड़काने की बड़ी साजिश रची गई। मकसद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करना था। इस साजिश में विदेशियों के साथ में हमारे देश के लोग भी शामिल हैं। इस बड़ी साजिश का योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजफाश कर दिया है। इस मामले में एक वेबसाइट justiceforhathrasvictim.carrd.co की भूमिका सामने आई है, जिसको विदेशों से फंड मिल रहा था। इस वेबसाइट के माध्यम से लोगों को हाथरस कांड के अभियान से अधिक संख्या में जोड़ने का प्रयास चल रहा था।

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इस तरह की वेबसाइट का मुख्य लक्ष्य सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार की छवि को खराब करना है। वेबसाइट पर फर्जी आईडी से कई लोगों को जोड़ा गया। इसके साथ ही इसमें दंगे कैसे करें और फिर दंगों के बाद कैसे बचें, इसके कानूनी उपाय की जानकारी वेबसाइट पर दी गई है।

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.