‘राजस्थानी मांगे राजभाषा’ हैशटैग ने ट्विटर पर मचाया कोहराम: एकजुट हुए लाखों युवा, 5 शहरों में हुए 10 से ज्यादा कार्यक्रम

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'राजस्थानी मांगे राजभाषा' हैशटैग ने ट्विटर पर मचाया कोहराम: एकजुट हुए 28 हजार से अधिक युवा, 5 शहरों में हुए 10 से ज्यादा कार्यक्रम - Rajasthan Ki Maang Rajbhasha

‘राजस्थानी मांगे राजभाषा’ आज रविवार सुबह से ही ट्विटर के ट्रेंडिंग पेज पर नजर आ रहा है, राजस्थान के लोग अब पूरी तरह से राजस्थानी भाषा को मान्यता और उससे पहले राजस्थान सरकार से राजभाषा घोषित करवाने के संघर्ष शुरू कर दिया है। इस खबर में सबसे बड़ी बात तो यह है कि मात्र 4 महीनो में राजस्थान के युवाओं ने इस मुहीम को इतना आगे बढ़ा दिया है कि अब यह मुहीम एक आंदोलन का रूप ले चुकी है.

एक लाख से अधिक लोगों की मांग “राजस्थानी मांगे राजभाषा”

समाचार लिखे जाने तक एकत्रित हुई जानकारी के अनुसार राजस्थानी युवा समिति से लगभग एक लाख से अधिक लोग जुड़े है जिनमे अधिकतर युवा ही शामिल है समिति के लोग ही राजस्थानी मांगे राजभाषा की मांग तेज कर रहे है जिसे अनेकों वर्षों से लगातार ही अटकाया जा रहा है।

सरकार से समिति ने अपील करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा को यदि मान्यता मिलती है तो कितना फायदा ही फायदा है इसमें किसी भी परकार का कोई नेगेटिव पॉइंट नहीं है जिसके बाद भी इसे अटकाया जा रहा है.

राजस्थानी युवा समिति के अध्यक्ष अरुण राजपुरोहित ने जानकारी देते हुए बताया कि हर दिन राजस्थान के युवा से लेकर बुगुर्गों तक लोग खुद ही इस आंदोलन से जुड़ने के लिए चले आ रहे है.

इस बजट सत्र में मिले राजभाषा का दर्जा

राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चलकोई ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार बजट सत्र में राजस्थान सरकार को राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने की घोषणा करनी चाहिए, राजस्थानी युवा समिति द्वारा इस आंदोलन को 4 महीने पहले शरद पूर्णिमा के दिन से शुरू किया गया था और अब यदि सरकार इस आंदोलन को हलके में ले रही है तो समिति द्वारा आंदोलन का और उग्र किया जाएगा।

एक नजर में राजस्थानी युवा समिति का आंदोलन

  • – 1 सितम्बर 2022 से मुहिम की शुरुआत की।
  • – हेलो मायड़ भासा रो कार्यक्रम के जरिए कई शहरों में कॉलेज व शिक्षण संस्थाओं में कार्यक्रम किए।
  • – 28 हजार से ज्यादा औपचारिक सदस्य बनाए।
  • – यह सदस्य ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों पद्धति से बनाए गए।
  • – पांच शहरों में 10 से ज्यादा छोटे-बड़े कार्यक्रम हो चुके हैं।

राजस्थानी युवा समिति द्वारा 9 जनवरी को जयपुर में कैंडल मार्च

हेलो मायड़ भाषा रो कार्यक्रम के तहत सोमवार को शाम 6 बजे से जयपुर के शहीद स्मारक से कैंडल मार्च निकाला जाएगा, जिससे राजस्थानी भाषा के प्रति सरकार का ध्यान खींचा जा सके। पहले राजस्थान सरकार से राजभाषा का दर्जा और इसके बाद केंद्र सरकार से पूर्ण मान्यता का अधिकार के लिए यह समिति संघर्ष कर रही है।

Web Title: Hashtag ‘Rajasthani Mange Rajbhasha’ created furore on Twitter: Lakhs of youth united, more than 10 programs held in 5 cities

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Shubham Sharma – Indian Journalist & Media Personality | Shubham Sharma is a renowned Indian journalist and media personality. He is the Director of Khabar Arena Media & Network Pvt. Ltd. and the Founder of Khabar Satta, a leading news website established in 2017. With extensive experience in digital journalism, he has made a significant impact in the Indian media industry.
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