नई दिल्ली। अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएएआर) की तमिलनाडु बेंच गिफ्ट कार्ड और वाउचर को लेकर कराधान की स्थिति स्पष्ट की है। बेंच ने कहा है कि कार्ड या वाउचर पर नहीं, उनके बदले मिलने वाली वस्तु और सेवा जीएसटी के दायरे में आती है।
एएएआर ने इस संबंध में कल्याण ज्वैलर्स की याचिका पर फैसला सुनाया है। कल्याण ज्वैलर्स ने अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर), तमिलनाडु के फैसले के खिलाफ अपील की थी। एएआर ने कागज वाले प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट यानी वाउचर पर 12 फीसद और मैग्नेटिक स्टि्रप वाले वाउचर या कार्ड पर 18 फीसद की दर से जीएसटी वसूलने का फैसला सुनाया था।
एएएआर ने इस फैसले में सुधार करते हुए स्पष्ट किया कि वाउचर पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। उस वाउचर के बदले ली जाने वाली वस्तु या सेवा जीएसटी के दायरे में आएगी। एएएआर ने कहा कि वाउचर को वस्तु या सेवा के दायरे में नहीं रखा जा सकता है। जीएसटी कानून में इसे केवल फ्यूचर सप्लाई के लिए इंस्ट्रूमेंट ऑफ कंसिडरेशन माना गया है।
गौरतलब है कि मार्च महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.23 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इसमें केंद्रीय जीएसटी (CGST) 22,973 करोड़ रुपये, राज्यों का जीएसटी (SGST) 29,329 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (IGST) 62,842 करोड़ रुपये और सेस 8,757 करोड़ रुपये (जिसमें सामान के आयात पर जमा 935 करोड़ रुपये शामिल हैं) रहा है।
पिछले पांच महीनों में जीएसटी राजस्व में वसूली मार्च 2021 के महीने में जीएसटी राजस्व की तुलना में 27 फीसद अधिक है।
जीएसटी में वृद्धि की खास वजह आयकर और सीमा शुल्क आईटी सिस्टम और प्रभावी कर प्रशासन सहित कई स्रोतों से डेटा का उपयोग करके नकली-बिलिंग के खिलाफ निगरानी है। मार्च 2021 के दौरान जीएसटी राजस्व जीएसटी की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है।